लद्दाख में बीते शनिवार शहीद हुए हवलदार विजय कुमार गौतम का शव सोमवार सुबह अन्नाडेल पहुंच गया हैं। जहां से शव को पैतृक गांव डिमणी ले जाया गया। शहीद विजय कुमार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
विजय कुमार गौतम के भाई राजकुमार ने बताया कि गांव ने एक अनमोल रत्न खो दिया है। बचपन से ही विजय शिक्षा के साथ खेल में भी अव्वल रहता था। उन्होंने 12वीं के बाद सेना में सेवाएं देना आरंभ की और आज देश के लिए शहादत दी है। उनकी शहादत को हमेशा देश याद रखेगा। विजय कुमार अपने पीछे दो छोटे बच्चे, पत्नी व बूढ़े माता-पिता को छोड़ गए हैं।
नेहरा ग्राम पंचायत की प्रधान मीरा शर्मा ने कहा कि विजय कुमार गौतम 2007 से सेना में सेवाएं दे रहे रहे थे। वो हमेशा ही गांव के युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करता थे। शहीद विजय कुमार गौतम ने 2006 में दाडगी स्कूल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उसके बाद वह सेना में भर्ती हो गए थे। वह बेहद ही गरीब परिवार से संबंध रखते थे। खेल में शुरू से ही अव्वल रहे है। स्कूल में राज्य स्तर पर कबड्डी व खो-खो खेला है। परिवार में एक बड़ा भाई भी है। उन्होंने सेना में भी कई मैडल खेल में जीते हैं।
बता दें कि शनिवार को सेना की गाड़ी लद्दाख में 60 फीट गहरी खाई में गिर गई थी, जिसमें 9 जवानों ने दम तोड़ दिया था। इस घटना में शिमला जिला के जवान विजय कुमार गौतम भी शहीद हुए है। सेना के काफिले में पांच गाड़ियां शामिल थीं, जिसमें 34 जवान सवार थे।