MNC जॉब की रेस छोड़ Maths पढ़ाने लगे श्रवण सर, पैसे कमाना मकसद नहीं, जीते हैं फकीरों जैसी जिन्दगी

शिक्षा ने अब व्यापार का रूप ले लिया है. पहले ज़्यादातर शिक्षकों का मकसद था, बच्चों को शिक्षित करना, ज्ञान देना. बदलते वक्त के साथ ये सोच भी बदल रही है. पठन-पाठन अब बिज़नेस है. इसकी वजह चाहे कुछ भी हो लेकिन इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं. बच्चों को सुनहरे भविष्य का ख्वाब दिखाकर कई कोचिंग इंस्टीट्यूट उनसे पैसे लूटते हैं. उच्च दर्जे की शिक्षा का खर्च समाज के सभी वर्गों के लोग नहीं दे सकते. कुछ कोचिंग इंस्टीट्यूट्स इतनी ज़्यादा फ़ीस लेते हैं कि वहां जाकर पढ़ने के बारे में कई छात्र सोच तक नहीं सकते. इसी सूरत को बदलने का बीड़ा श्रवण सर ने उठाया है.

IIT dropout quits MNC job race to teach quality maths YouTube

MNC नौकरी की रेस में नहीं भागे

Rahul Raj नामक ट्विटर यूज़र ने श्रवण सर की कहानी ट्विटर पर शेयर की है. राहुल ने बताया कि उनके स्कूल के दोस्त, श्रवण एक मैथ्स जीनियस हैं.

राहुल ने ट्वीट में लिखा, ‘श्रवण ने JEE क्वालिफ़ाई किया और IIT गुवाहाटी जॉइन किया. उसने MNC नौकरी की रेस में भाग न लेकर उसने मैथ्स पढ़ाने और पढ़ाने के नए तरीके खोजना जारी रखा.’

 

पैसे कमाना मकसद नहीं, सिर्फ़ मैथ्स पढ़ाने चाहते हैं

श्रवण सर के सिर पर सिर्फ़ एक ही जुनून सवार है- बच्चों को क्वालिटी मैथ्स पढ़ाना. उन्हें पैसे का लोभ नहीं है और वो फकीरों, बंजारों, राही जैसी ज़िन्दगी जीते हैं. ये सब वो सिर्फ़ और सिर्फ़ मैथ्स पढ़ाने के लिए करते हैं. राहुल का कहना है कि कोचिंग क्लासेज़ ने अच्छे मैथ्स की हत्या कर दी है.

कमा सकते हैं करोड़ों

राहुल ने बताया कि भारत के किसी भी नामी-गिरामी IIT JEE कोचिंग क्लास में श्रवण को नौकरी मिल जाएगी और वो करोड़ों कमाने लगेंगे. श्रवण को ऐसी नौकरी नहीं चाहिए और वो ऐसे इंस्टीट्यूट्स से भी मूलरूप से असहमत हैं. श्रवण सर की शिकायत है कि क्विक फ़िक्स मैथ्स से छात्रों के अंदर मैथ्स सीखने की इच्छा मर जाती है.

जनता की प्रतिक्रिया

 

 

 

 

 

आप श्रवण सर की क्लास के वीडियोज़ इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं.