करनाल में चमत्कार! मौत के 3 घंटे बाद जिंदा हुआ बुजुर्ग, परिवार कर रहा था अंतिम संस्कार की तैयारी; फिर हुआ कुछ ऐसा…
पंजाबी कहावत जाको राखे साइयां मार सके न कोई को निसिंग के एक बुजुर्ग ने चरितार्थ किया है। हरियाणा में करनाल के 75 साल के जिस बुजुर्ग को परिजन मरा समझकर अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे उसकी अचानक सांस (Dead Person Alive before ceremation) चलने लगी। मरने के तीन घंटे बाद 75 वर्षीय बुजुर्ग की सांसें लौट आई।
HIGHLIGHTS
- निसिंग निवासी बुजुर्ग की पटियाला में हुई थी मौत
- निसिंग लाते समय हो गया जीवित
- विश्वास नहीं होने पर स्वजन ने निसिंग और करनाल में दो चिकित्सकों से कराई जांच
पंजाबी कहावत जाको राखे साइयां मार सके न कोई को निसिंग के एक बुजुर्ग ने चरितार्थ किया है।
हरियाणा में करनाल के 75 साल के जिस बुजुर्ग को परिजन मरा समझकर अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, उसकी अचानक सांस (Dead Person Alive before ceremation) चलने लगी।
मरने के तीन घंटे बाद 75 वर्षीय बुजुर्ग की सांसें लौट आई। ऐसा हुआ तो पटियाला से बुजुर्ग के शव को लेकर निसिंग के लिए चले स्वजन को सहसा विश्वास ही नहीं हुआ।
उन्होंने पहले निसिंग और फिर करनाल में दो चिकित्सकों से बुजुर्ग की जांच कराई। दोनों चिकित्सकों ने बुजुर्ग को जीवित बताया। हालांकि बुजुर्ग अभी कुछ बोल नहीं रहे हैं। उनका उपचार चल रहा है। यह घटनाक्रम क्षेत्र में सबके कौतूहल का विषय बना है।
सुबह ही डॉक्टरों ने बुजुर्ग को किया था मृत घोषित
निसिंग की दर्शन कॉलोनी निवासी बलदेव सिंह ने बताया कि उनके 75 वर्षीय पिता दर्शन सिंह को ह्रदय संबंधित बीमारी थी। इसके चलते वह कुछ दिन पहले पटियाला में उनके बड़े भाई गुरनाम सिंह के पास चले गए और एक निजी अस्पताल में उपचार कराया।
वीरवार सुबह चिकित्सकों ने उनके पिता को मृत घोषित कर दिया। बड़े भाई ने उन्हें पिता के निधन की सूचना दी। रिश्तेदारों और परिचितों को सूचित किया गया। अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी।
शरीर में हुई हलचल, चलने लगी सांसें
पटियाला से चलने के करीब तीन घंटे बाद उनके पास बड़े भाई का फोन आया। उन्होंने दावा किया कि जब वे गांव ढांढ के पास पहुंचे तो अचानक पिता के शरीर में हलचल होने लगी। उन्होंने जांच की तो सांसें चल रही थी। उन्होंने निसिंग में एक चिकित्सक को पिता को दिखाया, जिसने पिता को जीवित बताया।
अस्पताल में चल रहा इलाज
इसके बाद वह पिता को लेकर करनाल के एक निजी चिकित्सक के पास पहुंचे। यहां भी उनके पिता को जीवित बताया गया। बलदेव सिंह ने बताया कि पिता ने कुछ बोला तो नहीं लेकिन शरीर में हलचल के साथ उनकी सांसें चल रही हैं। उन्हें उपचार के लिए भर्ती कराया गया है।
यह भी पढ़ें- खाकी हुई दागदार! केस से नाम हटवाने के बदले हवलदार ने मांगी घूस, रंगे हाथों पकड़ा गया आरोपी; दो लाख रुपये की ली रिश्वत
बुजुर्ग के नाम पर है कॉलोनी
क्षेत्र में दर्शन सिंह प्रमुख समाजसेवी व्यक्ति हैं। उन्हीं के नाम पर दर्शन कॉलोनी है। वह उसी में रहते भी हैं। जैसे ही आसपास के लोगों को उनके निधन की सूचना मिली, सभी उनके घर पहुंचने लगे।
लोगों के बैठने के लिए गद्दे और कुर्सी की व्यवस्था की गई। घर का माहौल गमगीन होने लगा। इसी बीच नाटकीय घटनाक्रम में दर्शन सिंह के जीवित होने की सूचना ने माहौल को अचंभित करने वाली खुशी में बदल दिया। अब यह पूरा वाकया लोगों में चर्चा का विषय बना है।