Millets Food Processing Business: ये मां बच्चों के लिए करती थी मजदूरी, एक सलाह ने बदली ज़िंदगी, आज अपने बिजनेस से कर रही बंपर कमाई

वैसे तो सलाह सुनने से अक्सर लोग बचते हैं क्योंकि लोगों को मुफ़्त की सलाह देने की आदत भी तो होती है लेकिन कई बार यही सलाह किसी की ज़िंदगी भी बदल सकती है. यूपी की एक महिला की भी मात्र एक सलाह से ज़िंदगी बदल गई. कभी ये महिला मजदूरी कर अपना पेट भरा करती थी लेकिन आज अपना काम कर अच्छी कमाई कर रही है.

एक सलाह ने बदल दी महिला की किस्मत

laborer Woman savitri devi now running profitable business by milletsNews 18

हम यहां बात कर रहे हैं सावित्री देवी की, जो अमेठी जिले के राघीपुर गांव की रहने वाली हैं. एक समय ऐसा था जब सावित्री देवी मजदूरी किया करती थीं लेकिन आज वह ना केवल खुद का काम कर अपने लिए कमाई कर रही हैं बल्कि इसके साथ ही उन्होंने गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार का रास्ता दिखाया है. दरअसल, सावित्री देवी के लिए मोटे अनाज वरदान बन गए. वही मोटे अनाज जिन्हें सरकार बढ़ावा दे रही है. लोग इस नआज को लेकर जागरुक हो रहे हैं. इसी मोटे अनाज से सावित्री देवी की बदरंग जिंदगी रंग बिरंगी हो गई.

वरदान साबित हुआ मोटा अनाज

In recent years, thanks to an increase in awareness about healthy living and healthy food choices millets have gained popularity among the masses in India.pillais

दरअसल, सावित्री देवी मोटे अनाज के द्वारा कई तरह के सामान तैयार करती हैं और रोजगार के लिए इन्हें बेचती हैं. इससे वह आज अच्छा खासा मुनाफा कमा रही है. सावित्री मोटे अनाज से तैयार किए गए सामानों को दूर-दूर तक पहुंचाती हैं. सावित्री ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हैं. उन्होंने इंटर तक की पढ़ाई की है. पहले घर चलाने के लिए वह मजदूरी करती थी. एक बार ऐसे ही वह रोजगार की तलाश में भटकते हुए  गांव के पास एक प्रदर्शनी में पहुंचीं. वहां कृषि विभाग ने उन्हें मोटे अनाज की जानकारी दी. उन्होंने इसके फायदे जाने और कृषि विभाग के सहयोग से मोटे अनाज से ही कई सामान तैयार करने शुरू कर दिए.

मोटे अनाज से तैयार होते हैं ये सामान

उन्होंने पहले छोटे स्तर पर ये काम शुरू किया लेकिन जैसे जैसे उन्हें फायदा होने लगा वैसे वैसे उन्होंने अपने व्यवसाय को बढ़ा लिया. आज सावित्री देवी मोटे अनाज के बिस्कुट, पेड़ा, लड्डू, नमकीन और दलिया तैयार करती हैं. वह पहले मोटे नाथ की खेती करने वाले किसानों से इसे खरीदती हैं. फिर उसे घर लाकर एक चक्की में पीसकर उससे अलग-अलग सामान तैयार करती हैं. सावित्री द्वारा मोटे अनाज से तैयार किए गए सामान आम लोगों को फायदा पहुंचाने के साथ साथ शुगर और बीपी के मरीजों के लिए रामबाण का काम करते हैं.

कभी मजदूरी करती थीं सावित्री देवी

न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, सावित्री देवी का कहना है कि, उनके पास पहले कोई रोजगार नहीं था. बच्चों की पढ़ाई और घर खर्च चलाने के लिए उन्हें इधर-उधर से पैसे कमाने पड़ते थे. वह मेहनत-मजदूरी कर के किसी तरह अपना जीवन चला रही थीं. लेकिन फिर कृषि विभाग की एक सलाह ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी. आज वह मोटे अनाज से अच्छा खासा फायदा कम रही हैं. वह मोटे अनाज से जो सामान तैयार करती हैं उसकी दुकानों के साथ साथ ऑनलाइन बिक्री भी की जाती है.