शक्तिपीठ श्री नैना देवी जी हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में विद्यमान है जो की एक ऊंची पहाड़ी पर बसा हुआ है समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 5500 फिट है प्रथम नवरात्रि पर जहां पर मां के दरबार मे श्रद्धालुओं ने विभिन्न प्रदेशों से आकर माता जी के दर्शन किए और माता जी के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा अर्चना की
नवरात्रा के शुभ उपलक्ष्य पर श्रद्धालुओं ने हवन यज्ञ करके अपने घर परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की माता श्री नैना देवी का दरबार हरियाणा की समाजसेवी संस्था के द्वारा विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूलों लाइटों और लड़ियों से सजाया गया है लगभग 20 से जायदा कारीगर पिछले चार दिनों से मंदिर की भव्य सजावट में लगे हैं
माता जी की मंदिर की सजावट का दृश्य दूर-दूर तक श्रद्धालुओं के मनों में प्राकृतिक सौंदर्य की अपार छटा बिखेर रहा हैं
श्री नैना देवी के दरबार में पंजाब हिमाचल हरियाणा दिल्ली यूपी बिहार और अन्य प्रदेशों से काफी संख्या में श्रद्धालु नवरात्र पूजन के लिए पहुंचना शुरू हो गए हैं और यह अगले 10 दिन तक सिलसिला चलता रहेगा
हिमाचल प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों से और मंदिर न्यास के द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े पुरानी कथाओं के मुताबिक कहा जाता है की माता सती के नेत्र यहां पर गिरे थे इसलिए इस मंदिर का नाम श्री नैना देवी जी पड़ा
कहा जाता है कि जब दक्ष प्रजापति ने यज्ञ का आयोजन किया तो उसमें माता सती और भगवान शिव शंकर जी को यज्ञ में नहीं बुलया लेकिन माता सती है हठ करके अपने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में चली गई लेकिन जब वहां पर भगवान भोले शंकर जी का अपमान देखकर क्रोधित होकर यज्ञशाला में कूद गई और माता सती के अर्धजले शरीर को भगवान शंकर ने अपने त्रिशूल पर उठाकर ब्रह्मांड का भ्रमण
शुरू किया फिर भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र के द्वारा माता सती के अंगों को काट डाला और जहां-जहां भी माता सती के अंग गिरे वहां वहां पर शक्तिपीठों की स्थापना हुई है माता श्री नैनादेवी जी के दरबार में माता सती के नेत्र गिरे इसलिए इस शक्तिपीठ का नाम श्री नैना देवी पड़ायह अन्य मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि माता श्री नैना देवी महिषासुर राक्षस का वध किया है और देवताओं ने उसमें खुश होकर जय नयने उद्घोष किया जिससे इस शक्ति पीठ का नाम श्री नैना देवी पड़ा और जो भी श्रद्धालु माता के दरबार में आते हैं माता रानी उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं