2023 में बरसात की भयानक त्रासदी झेलने के बाद अब एनएचएआई टनल निर्माण पर अधिक ध्यान देने की दिशा में आगे बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। मंडी से पंडोह के बीच 6 मील व अन्य स्थानों पर बारिश के कारण निर्माणाधीन फोरलेन प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में एनएचएआई ने 4 मील से 7 मील के बीच फोरलेन प्रोजेक्ट में बदलाव करते हुए एक टनल बनाने का निर्णय लिया।
दो किलोमीटर लंबी यह टनल एकतरफा यातायात के लिए बनाई जानी थी और मौजूदा हाईवे को भी यातायात के लिए बहाल रखा जाना था। लेकिन अब एनएचएआई एक के स्थान पर दो टनलों को बनाने पर विचार कर रही है। जो मौजूदा सड़क है, वहां पर भविष्य में भी कई तरह के खतरों की संभावना है जिसके चलते यहां पर दो टनलें बनाने की योजना बनाई जा रही है।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरूण चारी ने बताया कि मंडी से पंडोह के बीच टनल निर्माण को लेकर सर्वे करवाया जा रहा है। इस सर्वे रिपोर्ट के बाद ही यहां टनल निर्माण की संभावनाओं का पता चल पाएगा। यदि टनल निर्माण की संभावनाएं बनती है तो एक के स्थान पर दो टनलें भी बनाई जा सकती हैं।
चार मील से सात मील के बीच रोक दिया गया है कटिंग का कार्य
2023 की बरसात में मंडी में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे व मंडी से पंडोह के बीच ही सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ है। यहां 6 मील के पास पहाड़ी इतनी ज्यादा दरकी कि अब यहां पर फोरलेन प्रोजेक्ट की कटिंग के कार्य को रोक दिया गया है। चार मील से मंडी की तरफ सात मील से पंडोह की तरफ को जो कार्य होना है उसी को किया जा रहा है। बीच में दो किमी की टनलों की प्रपोजल बनाने के चलते इस कार्य को रोका गया है। कटिंग के कारण पहाड़ियां बार-बार दरक रही हैं जिससे हाईवे भी बंद हो रहा है। जान-माल का नुकसान भी हो रहा है।