मंडी में एचआरटीसी (HRTC) और स्थानीय लोगों के बीच एक ऐसा विवाद गहरा हो गया है जो चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल एचआरटीसी यानी हिमाचल पथ परिवहन निगम के जीएम (GM) के आदेशों पर नेला वार्ड में कुछ लोगों के घरों के बाहर जाले लगा दिए गए हैं। निगम ने बाकायदा इन जालों को लगाने के लिए टेंडर निकाले और अब यह जाले लगाने का काम कर दिया गया है।
हालांकि लोगों के घरों के लिए बने रास्तों पर यह जाले नहीं लगाए गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन रास्तों पर भी जाले लगाने की धमकी दी जा रही है। स्थानीय निवासी अनिल बैहल, अशोक शर्मा, विजय शर्मा और सोनिया ने बताया कि जिस रास्ते को निगम वाले बंद कर रहा है वो रास्ता सदियों पुराना है। निगम अवैध कब्जों का हवाला दे रहा है, जबकि किसी ने भी निगम की जमीन पर कोई कब्जा नहीं किया है। इन्होंने इसकी शिकायत निगम के जीएम (GM) और डीसी मंडी से भी की है और मौके पर आकर इसका समाधान करने की गुहार लगाई है। लोगों का कहना है कि घरों के बाहर लगे जालों से उन्हें अपने ही घर कैद खाने की तरह लगने लग गए हैं।
इस संदर्भ में इन लोगों ने सेवानिवृत एचएएस एवं अधिवक्ता बीआर कौंडल से भी राय ली। बीआर कौंडल का कहना है कि कानूनी प्रावधान के तहत किसी का रास्ता नहीं रोका जा सकता। निगम जो कर रहा है वो गलत है और यदि जरूरत पड़ी तो इसके खिलाफ न्यायलय में याचिका दायर की जाएगी। वहीं, जब इस बारे में एचआरटीसी के
जीएम विनोद ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लोग निगम की जमीन पर अवैध कब्जे कर रहे हैं। इसलिए जमीन को प्रोटेक्ट करने के लिए यह जाले लगाए गए हैं। किसी के रास्ते को नहीं रोका गया है और न ही रोका जाएगा। यदि लोगों को लग रहा है कि उनके साथ गलत हुआ है तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। निगम पूरे नियमों के तहत काम कर रहा है।