मंडी : “सुख आश्रय” योजना के तहत होगी अनाथ बच्चों की उच्च शिक्षा की पढ़ाई

प्रदेश सरकार द्वारा अनाथ बच्चों के लिए शुरू की गई “सुख आश्रय योजना” के तहत 18 से 27 वर्ष की आयु वाले सभी अनाथ बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च इसी योजना के तहत वहन किया जाएगा। यह जानकारी जिला बाल संरक्षण इकाई की तरफ से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान दी गई। कार्यशाला में जिला भर से आए संबंधित विभागों के 60 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

नगर निगम मंडी के नेला वार्ड के पार्षद राजेंद्र मोहन ने बतौर रिसोर्स पर्सन इस कार्यशाला में भाग लिया। उन्होंने बताया कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अनाथ बच्चों के उत्थान के लिए सुख आश्रय योजना की शुरूआत की है। जिन बच्चों का कोई नहीं है उनके लिए सरकार उनका सबकुछ बनकर खड़ी है।

अमूमन 18 वर्ष के बाद किसी भी अनाथ के पास उच्च शिक्षा का कोई प्रावधान नहीं था। लेकिन अब सरकार ने 18 से 27 वर्ष तक सभी प्रकार की उच्च शिक्षा का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही इन बच्चों को सरकारी नौकरियों में भी वरियता दी जाएगी।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी एनआर ठाकुर ने बताया कि कार्यशाला में 60 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके साथ ही मिशन वात्सल्य के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई। जिला भर में 479 बच्चे चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें सरकार की “सुख आश्रय योजना” का लाभ मिलेगा। इन बच्चों को यह लाभ कैसे देना है और किस प्रकार से इनकी मदद करनी है, इन्हीं सब बातों को लेकर कार्यशाला में आए प्रतिनिधियों को जानकारी दी गई है।