सुबह-सुबह अपने टमाटर के खेतों में काम करने गए शख्स की जान उस वक्त आफत में फंस गई जब अचानक बाढ़ आ गई। चारों तरफ पानी का सैलाब उमड़ पड़ा। मामला मंडी जिला के बल्हघाटी के नागचला के पास का है। सुबह करीब 7 बजे घनश्याम अपने टमाटर के खेतों में काम करने गया। इतनें में अचानक बाढ़ आ गई और चारों तरफ पानी ही पानी भर गया।
घनश्याम ने फोन करके अपने परिवारवालों को इसकी सूचना दी। इतने में पूरे गांव वालों को पता चल गया और वे घनश्याम को बचाने मौके पर पहुंचे। साथ ही पुलिस और फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी। स्थानीय निवासी अनिल सकलानी, रवि चौहान, राज भाटिया, लक्की चौधरी, रवि सिंह, संजय सकलानी, चमन सकलानी, छोटू वालिया और बिट्टू वालिया सहित अन्य लोगों ने रेस्क्यू आप्रेशन में अपनी अहम भूमिका निभाई। करीब साढ़े तीन घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद घनश्याम को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। स्थानीय निवासी राज भाटिया ने बताया कि रेस्क्यू करने में स्थानीय लोगों के साथ-साथ बल्ह थाना पुलिस और फायर ब्रिगेड के जवानों का अहम योगदान रहा।
बता दें कि मंडी जिला में हो रही भारी बारिश से बल्हघाटी को भी काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। बाढ़ आने के कारण बल्हघाटी के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। टमाटर सहित अन्य नकदी फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई हैं। सुकेती खड्ड का जलस्तर बढ़ने से सारा पानी लोगों के खेतों में जा घुसा है। घाटी के किसानों ने सरकार व प्रशासन से उन्हें मुआवजा अदा करने की गुहार लगाई है। साथ ही सुकेती खड्ड के चैनलाईजेशन के कार्य को भी जल्द शुरू करने की अपील की है क्योंकि यह खड्ड हर साल बल्हघाटी को करोड़ों का नुकसान करती है।
उल्लेखनीय है कि सुकेती खड्ड के चैनलाइजेशन की बातें सदियों से चली आ रही हैं लेकिन धरातल पर यह बातें दूर की कौडी ही साबित होती हैं। धरातल पर आज दिन तक कोई काम नहीं हुआ, जिससे स्थानीय लोगों में अपने चुने हुए नुमाइंदो और सरकार के प्रति भारी रोष देखने को मिल रहा है।