जूतों के बिजनेस से खड़ा किया 9000 करोड़ का साम्राज्य, देश को दिया सस्ता-टिकाऊ Campus Sports Shoes

इंसान की सच्ची लगन उसे फर्श से अर्श तक पहुंचा सकती है. हमने ऐसी कई कहानियां अपने सामने सच होते देखी हैं जहां संघर्ष करने वालों ने मिट्टी के घरों से निकलकर अरबों का साम्राज्य खड़ा करने तक का सफर ते किया है. हम किसी भी काम को छोटा बड़ा आंक लेते हैं लेकिन असल में काम छोटा या बड़ा नहीं होता बल्कि उसे करने वाले की सोच और नजरिया इसे छोटा बड़ा बनाते हैं. अगर किसी छोटे काम को भी बड़ी सोच के साथ किया जाए तो वो काम समय के साथ खुद बड़े स्तर तक फैल जाता है.

जूते बेचकर खड़ा किया 9000 करोड़ का कारोबार

Campus Sports Shoes Chairman Hari Krishna Agarwal Success Story  Twitter

जैसे कि आप ही सोचिए कोई जूते बेचने वाला क्या अरबों का मालिक हो सकता है? अधिकतर लोग इस सवाल पर ना कहेंगे, जो कि स्वभाविक है मगर उस जूते बेचने वाले की सोच अगर बड़ी हो तो वो जूते बेचकर 9000 करोड़ का कारोबार खड़ा कर सकता है. हरि कृष्ण अग्रवाल ने भी ऐसी ही सोच रखी और इसी सोच के दमपर आज फोर्ब्स ने उन्हें 1.1 बिलियन अमरीकी डालर यानी 9000 करोड़ की संपत्ति के साथ अरबपति कारोबारियों की लिस्ट में एक नए भारतीय के रूप में शामिल किया है.

1983 में की थी एक्शन की शुरुआत

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हरि कृष्ण अग्रवाल ने 1983 में ‘एक्शन’ ब्रांड के साथ स्पोर्ट्स शूज़ बेचने का अपना व्यवसाय शुरू किया. मौजूदा समय में हरि कृष्ण अग्रवाल दिल्ली स्थित कैंपस एक्टिववियर के चेयरमैन हैं. कैंपस एक्टिववियर भारत में स्पोर्ट्स शूज का सबसे बड़ा मैन्युफेक्चर और ब्रांड है. समूचे देश में कैंपस एक्टिववियर के 5 कारखाने हैं. कंपनी का आईपीओ आने के बाद 66 वर्षीय हरि कृष्ण अग्रवाल की संपत्ति में जबरदस्त इजाफा हुआ. कंपनी के शेयर मई 2022 में आईपीओ मूल्य से 23% से अधिक प्रीमियम पर लिस्ट हुए थे.

मार्केट में लाए कम दाम के स्पोर्ट शूज

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ये साल 1983 था जब हरि कृष्ण अग्रवाल ने ‘एक्शन’ ब्रांड के तहत स्पोर्ट्स शूज़ बेचने का अपना व्यवसाय शुरू किया था. वह अपनी पहली पीढ़ी के उद्यमी हैं. हरि कृष्ण की दूरदर्शी सोच ने उनके बिजनेस को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई. 2005 में जब हरि कृष्ण अग्रवाल ने पाया कि भारतीय बाजार में स्पोर्ट्स शूज काफी महंगी कीमत पर बिक रहे हैं तो उन्होंने मात्र 800 रुपये की कीमत पर “कैंपस” स्पोर्ट्स शूज़ लॉन्च किए. उनकी इस सोच ने अपना असर दिखाया और कम कीमत के कारण बहुत सारे ग्राहकों को इस प्रोडक्ट ने आकर्षित किया.

कंपनी ने हासिल की कामयाबी

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कंपनी समय के साथ अपनी कामयाबी की ओर बढ़ती रही. फिर 2021 में कैंपस ने वो किया जिससे कंपनी को बंपर फायदा हुआ. इस साल कैंपस ने 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा शूज बेचते हुए 90 करोड़ से ज्यादा रेवेन्यू हासिल किया. विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले महीनों में कैंपस के कारोबार में और ज्यादा विस्तार होने की प्रबल संभावना है क्योंकि स्पोर्ट्स शूज भारत में फुटवियर सेक्टर के भीतर सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेगमेंट है.

हरिकृष्ण अग्रवाल के बेटे निखिल अग्रवाल एक इंडस्ट्रियल इंजीनियर हैं और अब वे कंपनी के सीईओ हैं. निखिल की पत्नी प्रेरणा कंपनी की चीफ मार्केटिंग ऑफिसर हैं. वहीं हरि कृष्ण अग्रवाल की पत्नी विनोद अग्रवाल सितंबर 2021 तक कंपनी के बोर्ड में थीं.