नवाबों का शहर लखनऊ अपने तहज़ीब की वजह से पूरे मुल्क में पहचाना जाता है. आज भी इस खूबसूरत शहर के गली, मुहल्लों और चौराहों पर तहज़ीब की झलक दिखाई देती है. यहां की ऐतिहासिक इमारतें अपने संघर्ष व दर्द भरे इतिहास की कड़वी और मीठी यादों को समेटे हुए है. वहीं इस शहर का खान-पान इसको अलग पहचान देता है. खाने-पीने के शौक़ीन लोगों के लिए यहां कई ऐसी शॉप हैं, जो सिर्फ़ और सिर्फ़ ज़ायके के लिए जानी जाती हैं.
आज यहां हम ऐसी ही कुछ दुकानों की एक लिस्ट आपके लिए लेकर आए हैं:
1. टुंडे का कबाब
यूपी की राजधानी लखनऊ में टुंडे कबाब बहुत ही मशहूर हैं. चौक अमीनाबाद बाज़ार स्थित इस दुकान के कबाब का ज़ायका लेने देश और विदेश से यात्री आते हैं. इस कबाब को बनाने में करीब 100 तरह के मसाले प्रयोग किए जाते हैं. फिर भी इसको खाने में कोई परेशानी नहीं होती. यह कबाब खाने में जितना स्वादिष्ट है, इसका इतिहास भी बड़ा दिलचस्प है. दरअसल टुंडे का मतलब दिव्यांग होता है. कहते हैं कि जिसने इस कबाब को पहली बार बनाया था. वो दिव्यांग था. जिसे लोग टुंडे कहकर बुलाते थे. इसीलिए इस कबाब का नाम टुंडे पड़ गया है और यह दुकान टुंडे कबाबी के नाम से मशहूर हो गया.
2. प्रकाश की कुल्फी
जायेकदार खाना खाने के बाद प्रकाश की कुल्फी का अपना ही मज़ा है. लखनऊ के अमीनाबाद बाज़ार में टुंडे कबाब से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित प्रकाश की कुल्फी बहुत ही मशहूर है. यह खास किस्म की बनी होती है. यहां खाने वालों की भीड़ लगी रहती है. फिर सर्दी हो या गर्मी, अगर आप लखनऊ में हैं तो प्रकाश की कुल्फी का स्वाद चखना न भूलें.
इसको बनाने के लिए फालूदा कुल्फी क्रीम दूध काजू, पिस्ता, केसर और कॉर्न फ्लोर आदि का इस्तेमाल किया जाता है. बता दें कि अमीनाबाद में 1956 में स्थापित प्रकाश कुल्फी का स्वाद इतना जायकेदार होता है कि इसके मालिक ने अपने ग्राहकों के लिए एक और ब्रांच लखनऊ के गोमतीनगर में खोल दी है.
3.इदरीस की बिरयानी
अगर बिरयानी के शौकीन हैं तो आपको इदरीस की बिरयानी का स्वाद एक बार ज़रूर चखना चाहिए. वैसे तो लखनऊ में बिरयानी बहुत ही जायकेदार मिलती है, लेकिन इदरीस की मटन बिरयानी का स्वाद आपको कहीं नहीं मिलेगा. ये शॉप लखनऊ के जौहरी मोहल्ला, राजा बाज़ार, निकट कोतवाली चौक में स्थित है.
इसकी बनाने की विधि इसको और खास बनाती है. ये कोयले की आंच पर पकाई जाती है. इसको बनाने में आग का इस्तेमाल नहीं होता है. इनकी बिरयानी पूरे शहर में मशहूर है.
4. बॉम्बे पाव भाजी
अगर पाव भाजी आपका पसंदीदा व्यंजन हैं तो आप लखनऊ में हजरतगंज (जिसका नाम बदलकर अटल चौक कर दिया गया है) के सेंट फ्रांसिस स्कूल के पास स्थित बॉम्बे पाव भाजी पर इसके स्वाद चख सकते हैं. यहां की पाव भाजी में खास बात यह होती है कि यह मक्खन में तला जाता है. जिसकी कीमत भी बहुत अधिक नहीं है.
5. बाजपेई की कचौड़ी
लखनऊ में बाजपेई की कचौड़ी बहुत ही मशहूर है. वाजपेई की दुकान लीला सिनेमा के पास स्थित है. बाजपेई की कचौड़ी स्वादिष्ट होने के साथ ही सस्ती होती हैं. जहां आम से लेकर खास व्यक्ति भी इस दुकान पर इसका स्वाद लेने आता है. बता दें कि बाजपेई कचौड़ी की दुकान पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई से लेकर कई मशहूर हस्तियां आ चुकी हैं. यहां कचौड़ी व पूड़ी के साथ छोला दिया जाता है, जो बहुत ही स्वादिष्ट होता है.
6. मक्खन मलाई
अगर आप मीठा खाना पसंद करते हैं तो मक्खन मलाई का स्वाद आपको जरूर पसंद आएगा. लखनऊ की मक्खन मलाई एक खास किस्म की मिठाई होती है. ऐसी स्वादिष्ट मिठाई आपको कहीं और नहीं खाने को मिलेगी. यह मक्खन मलाई आपको सुबह के समय चौक गोल दरवाजे पर मिल जाएगी. इसकी खास बात यह है कि यह मिठाई आपको सर्दी के मौसम में मिलेगी.
इसको बनाने की विधि एकदम अलग है. ठंडे मौसम में मक्खन और दही को ओस में रखने के कुछ घंटे बाद इसे फेंटा जाता है. नमीं पाकर यह इसका झाग फूलने लगता है. अंत में इसमें चीनी, केवड़ा और इलायची मिलाई जाती है. फिर तैयार हो जाती है स्वादिष्ट मक्खन मलाई. ऐसे तो आपको लखनऊ में और जगहों पर इसका स्वाद मिल जाएगा लेकिन गोल दरवाज़े पर मिलने वाली मक्खन मलाई अधिक ज़ायकेदार होती है.
7. रॉयल कैफ़े की बास्केट चाट
यूं तो लखनऊ की चटपटी चाट का ज़ायका बहुत लोगों को पसंद है. लेकिन, हजरतगंज में स्थित रॉयल कैफ़े की बास्केट चाट का स्वाद चटपटा खाने वाले को खूब पसंद आती है. लखनऊ में आपको इससे जायकेदार चाट और कहीं नहीं मिलेगी. इस बास्केट चाट को बनाने के लिए कई किस्म के खास मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें आलू, मटर, इमली की चटनी और अनार के दाने का सही मात्रा में मिलाकर इसको जायकेदार बनाया जाता है.
8. पाया नहारी
लखनऊ में पाया नहारी का जायका बहुत लोगों को पसंद है. वहीं लखनऊ की फूल वाली गली, चौक में स्थित मुबीन और रहीम की नहारी पूरे शहर में मशहूर है. इन दोनों दुकानों के यहां का जायका एक दम अलग है. पाया-नहारी को करीब 5 से 6 घंटों तक धीमी आंच में पकाया जाता है. सुबह के नाश्ते में भी कई लोग इसको शामिल करते हैं.
9. शर्मा जी की चाय
लखनऊ में शर्मा जी चाय बहुत ही मशहूर है. शहर में चाय के शौकीनों को शर्मा की चाय का पता जरूर मालूम होगा, जो लाल बाग़ में स्थित है. यहां चाय के साथ बंद-मक्खन और समोसा खाने वालों की भीड़ लगी रहती है. फिर सुबह हो या शाम आप यहां की चाय का लुत्फ़ उठा सकते हैं.
10. नैनीताल मोमोस
लखनऊ के गोमतीनगर विराम खण्ड में स्थित नैनीताल मोमोस शहर में बहुत मशहूर है. चाइनीज फूड के शौकीनों के लिए यहां बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजन मिलते हैं. यहां कई किस्म के मोमोस मिलते हैं. जैसे तंदूरी मोमोस, फ़्राईड मोमोस और मशरूम मोमोस के खाने वालों की भीड़ लगी रहती है. वहीं यहां पैक कराने वालों की तादाद भी कुछ कम नहीं है.
ये तो महज कुछ एक नाम भर हैं, ऐसे कई और दुकानें लखनऊ में मौजूद है, जो अपने जायके लिए खासी लोकप्रिय हैं.