इलाज से पहले लाइन की जंग, सोलन अस्पताल में मरीज बेहाल

सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में इलाज से पहले मरीजों को लंबी परीक्षा देनी पड़ रही है। पर्ची, ओ.पी.डी., फीस और दवा काउंटर पर इतनी भीड़ उमड़ रही है कि इलाज मिलना ही मुश्किल हो गया है। सरकारी व्यवस्था की नाकामी का आलम यह है कि मरीज सुबह से कतार में लगते हैं, लेकिन शाम तक उनका नंबर नहीं आता। मजबूरन कई लोग निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं।रोजाना 1400 से ज्यादा मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं, लेकिन पर्ची और दवा काउंटरों की संख्या बेहद कम है। मरीजों को घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ता है, और बैठने तक की जगह नहीं है। हालत यह है कि गंभीर बीमार लोग और बुजुर्ग भी फर्श पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के दौरान अधिकारियों ने आभा कार्ड से पर्ची बनाने की व्यवस्था का दावा किया था, लेकिन सच्चाई यह है कि यह सुविधा अभी तक आधिकारिक रूप से शुरू ही नहीं हुई। दूसरे ही दिन अस्पताल में वही लंबी-लंबी लाइनें नजर आईं, जो सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी हैं।
क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में इलाज के लिए आए रोगियों ने अस्पताल की अव्यवस्था पर अपनी नाराज़गी जाहिर की। एक रोगी ने कहा, यहां पर्ची बनाने के लिए घंटों खड़ा रहना पड़ता है, और जब नंबर आता है तो ओ.पी.डी. में बैठने की जगह नहीं मिलती। एक अन्य रोगी ने कहा, अगर हम सुबह जल्दी आकर खड़े होते हैं, तब भी नंबर नहीं आता। इस अव्यवस्था के कारण हमें इलाज के लिए दिन भर इंतजार करना पड़ता है। कुछ मरीजों ने कहा कि वे मजबूरी में निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं क्योंकि सरकारी अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।  byte rogi

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