क्रांति पवार: किसान पति ने साथ दिया, पत्नी ने घर संभालते हुए की पढ़ाई, अब बनेगी सब इंस्पेक्टर

मेहनत और धैर्य से इंसान असंभव को भी संभव कर सकता है. दिनकर जी ने सही कहा, ‘मानव जब ज़ोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है’ महाराष्ट्र के एक किसान की पत्नी ने कविता की इस पंक्ति को सच कर दिखलाया है. महाराष्ट्र के सोलापुर के किसान की पत्नी क्रांति पवार जाधव ने एमपीएससी (महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमिशन) या MPSC की परीक्षा पास कर ली और अब वो पुलिस सब इंस्पेक्टर के पद पर है. क्रांति पवार इससे पहले पुलिस फ़ोर्स में कांस्टेबल थी. सब इंस्पेक्टर बनने के लिए उन्होंने गार्ड ड्यूटी जॉइन की. ड्यूटी के साथ ही उन्होंने पढ़ाई और अब वो सफ़लता का नया अध्याय लिखने वाली हैं.

किसान की पत्नी ने रच दिया इतिहास

kranti pawar mpsc sub inspector success story NBT

नवभारत टाइम्स के एक लेख के अनुसार, कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र में MPSC के रिज़ल्ट जारी किए गए. महाराष्ट्र के मंगलवेढ़ा पुलिस स्टेशन में बतौर पुलिस कांस्टेबल पोस्टेड थीं क्रांति पवार जाधव. कांस्टेबल पद की ज़िम्मेदारी संभालते हुए उन्होंने परीक्षा दी और अब वो सब इंस्पेक्टर बन गई हैं. लड़कियों में राज्य में उन्होंने 28वीं रैंक हासिल की.

किसान पति ने दिया साथ

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इस सफ़र में क्रांति के पति, किसनदेव जाधव ने उनका खूब साथ दिया. क्रांति के पति, मोहोल तालुका के कुरुल कामती गांव के किसनदेव खेती करते हैं और उन्होंने पत्नी को पढ़ने से कभी नहीं रोका. क्रांति ने भी अपनी सफ़लता का श्रेय अपने पति को दिया. नौकरी करते हुए सब इंस्पेक्टर बनना आसान नहीं था, लेकिन क्रांति भी ज़िद्दी थीं, सब इंस्पेक्टर बन कर ही दम लिया.

किसन देव खेती करते थे और क्रांति पवार जाधव सोलापुर ग्रामीण पुलिस फोर्स में महिला पुलिस कांस्टेबल के पद पर तैनात थीं. पति ने ही उन्हें MPSC की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया. क्रांति का कहना है कि इस सफ़र में घरवालों ने भी उनका काफ़ी साथ दिया. क्रांति का एक छोटा बच्चा भी था लेकिन परिजनों ने उसका ध्यान रखा.

पढ़ाई के लिए गार्ड ड्यूटी की

क्रांति ने बताया कि वो पहले सोलापुर ग्रामीण पुलिस फोर्स मुख्यालय में पोस्टेड थी. फिर उनका ट्रांसफर मंगलवेधा पुलिस स्टेशन कर दिया गया. पुलिस स्टेशन में काम का दायरा भी बढ़ गया और पढ़ने का टाइम नहीं मिल पा रहा था. क्रांति ने ये ड्यूटी बदलकर गार्ड की ड्यूटी शुरू की. ताकि 24 घंटे की ड्यूटी के बाद 24 घंटे की छुट्टी मिले. जब भी उन्हें खाली समय मिलता वो पढ़ाई करती.