Kitchen Gardening: फिटकरी ही नहीं चाय बनने के बाद बची हुई चायपत्ती भी बड़े काम की चीज है, घर पर इससे खाद कैसे बनाए?

How to make tea leaf Fertilizer

बागवानी (Gardening) करने वाले अक्सर अपने घरों में पौधों के लिए ऑर्गनिक खाद (Organic Fertilizer For Plants) का ही उपयोग करते हैं, जैसे कि- अंडे के छिलके, कोकोपीट आदि, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाय बनने के बाद बची हुई चायपत्ती से (Used tea leaves as fertilizer) भी पौधों के लिए खाद बना सकते हैं (How to Make Organic Fertilizer Using Waste Tea) लेकिन कैसे?

चाय बनने के बाद बची हुई चायपत्ती कितने काम की चीज?

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चायपत्ती से बनने वाली खाद पौधों के विकास में काफी मददगार होती है. इसमें मुख्य रुप से मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, नाइट्रोजन, पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. पौधों में फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया काफी महत्वपूर्ण होती है. उसके लिए मैग्नीशियम काफी महत्वपूर्ण है. वहीं फूलों के खिलने में पोटेशियम का होना काफी आवश्यक होता है. और यह दोनों चायपत्ती में पाए जाते हैं.

चाय बनने के बाद बची हुई चायपत्ती से खाद कैसे बना सकते हैं?

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हम अक्सर चाय बनाने के बाद चायपत्ती को कचरा समझ कर फेंक देते हैं, लेकिन इस चायपत्ती से आप खाद बना सकते हैं. बची हुई चायपत्ती को आप सीधे मिट्टी में मिलाकर खाद के रुप में इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन इससे पहले चायपत्ती को अच्छे से धो लेना चाहिए, क्योंकि चाय बनाते समय इसमें दूध, और शक्कर भी डालता है, साथ ही पौधों में इसका इस्तेमाल करने से आस पास चीटिंया हो जाती हैं.

याद रहे, बची हुई चायपत्ती को धोकर अच्छे से धूप में सूखना बेहद जरूरी है. इसके अलावा अगर आप ताजी चायपत्ती से खाद बना रहे हैं तो उसे नार्मल पानी में दो बार उबाल कर छान लें. फिर चायपत्ती को एक कपड़े पर फैला दें, और धूप में अच्छी तरह से सूखा लें. अब इस चायपत्ती को मिट्टी के बर्तने में दो-तीन महीनों के लिए स्टोर कर लें. बाद में मिट्टी मिलाकर इसे खाद के रुप में इस्तेमाल कर सकते है.

घर की चायपत्ती से बनी खाद का इस्तेमाल कैसे करें?

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चायपत्ती को महीने में एक, या दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं. क्योंकि इसे आब्सॉर्ब होने में समय लगता है. इसके लिए चायपत्ती को आप पौधों के आसपास छिड़क दें, या फिर पौधों के आस-पास की मिट्टी को हटाकर उसमें अंदर की और डाल दें. ध्यान रहे कि पौधों में चायपत्ती की अधिक मात्रा पौधों को बर्बाद भी कर सकती हैं. क्योंकि इसमें नाइट्रोजन की मात्रा अधिक होती है. इसलिए जरूरत के हिसाब से ही प्रयोग करें.

किन पौधों पर चायपत्ती की खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं?

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चाय पत्ती की खाद को मोगरा, गुलाब जैसे फूलों वाले पौधों के लिए उपयोगी बनाया जा सकता है, और इसे टमाटर, बैंगन जैसे सब्जी वाले पौधों के लिए भी उपयोग किया जा सकता है.

किन पौधों पर चायपत्ती की खाद का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए?

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मूली, गाजर और आलू जैसे पौधों में इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि इन पौधों को ज्यादा नाइट्रोजन की मात्रा काफी कम होती है. और चायपत्ती में नाइट्रोजन की मात्रा काफी ज्यादा होती है.

पौधों पर चायपत्ती की खाद डालने के और क्या-क्या फायदे हैं?

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चायपत्ती की खाद ऑर्गेनिक होती है, जिसमें टेनिन नामक एसिड मिलता है जो पौधों को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है. इसके अलावा चायपत्ती की खाद मिट्टी के पीएच को अम्लीय बनाकर रखती है. परिणाम स्वरूप मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ती है, और साथ ही मिट्टी की संरचना में भी सुधार होता है. चायपत्ती की खाद को बनाने में कोई लागत नहीं आती है. यह फ्री में बनाई जा सकती है.

इस तरीकों से भी कर सकते हैं चायपत्ती का इस्तेमाल

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चायपत्ती की खाद को एक मिक्सर में बारीक पीसकर एक बाउल में रखें. अब एक मग पानी में 1 चम्मच हींग डालकर छोड़ दें, ताकि हींग पूरी तरह घुल जाए. जब हींग घुल जाए, तो इसमें चायपत्ती के पाउडर को भी मिलाएं और इसे 2 से 3 दिन के लिए छोड़ दें. 2-3 दिनों के बाद, इस पानी को एक स्प्रे बॉटल में भरकर पौधों के लिए इस्तेमाल करें. यह पानी आपके पौधों को मानसून में हेल्दी रखने में मदद करेगा.

इस तरीके से, आप अपनी घर पर बिल्कुल मुफ्त में ऑर्गेनिक खाद तैयार कर सकते हैं जो आपके पौधों को संतुलित एनपीके खाद प्रदान करती है और उन्हें बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है.

चायपत्ती की तरह पौधों के लिए फिटकरी भी बड़े काम की चीज?

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पेड़-पौधों के लिए फिटकरी एक कीटनाशक है. किसी पेड़ या पौधे में चींटी या कीड़े लग रहे हैं तो आपको केवल एक काम करना है, फिटकरी को या तो गमले के नीचे रख दें, या फिर गमले की मिट्टी में मिक्‍स कर दें. आप फिटकरी के पानी का भी इस्‍तेमाल कर सकती है.’ इसके अलावा फिटकरी मिट्टी की शक्ति को बढ़ाती है. ऐसे में पेड़-पौधों की ग्रोथ अच्‍छे से होता है और वह हमेशा हरे-भरे भी रहते हैं.

आप पेड़-पौधों की सिंचाई भी फिटकरी के पानी से की जा सकती है. दरअसल, फिटकरी में एल्युमिनियम सल्फेट और पोटेशियम सल्फेट के मिश्रण के कारण, इसमें पोटेशियम के विभिन्न रासायनिक गुण होते हैं जो पौधों के लिए उपयोगी होते हैं. पोटेशियम सल्फेट मुख्य रूप से पौधों के लिए महत्वपूर्ण खनिज होता है, जो उन्हें निरोगी और स्वस्थ बनाये रखता है.