शुष्क ठंड की चपेट में किन्नौर, मलिंग नाला हुआ जाम,सूखे की मार से बागवान व किसान परेशान।

Kinnaur in the grip of dry cold, Maling drain jammed, gardeners and farmers troubled due to drought.

ज़िला किन्नौर में नवंबर माह शुष्क ठंड की चपेट में आया है। ऐसे में जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के सभी नदी नाले ठंड के कारण जमने लगे है। और ज़िला में शुष्क ठंड लोगो को घर पर दुबकने पर मजबूर कर रही है। ज़िला में लम्बे समय से बागवानो व किसानों को बारिश का इंतज़ार है। क्योंकि ज़िला में बड़े लम्बे समय से सूखे की मार झेल रहे किसान त्राहि माम कर रहे है।जिले में सेब, मटर व अन्य फसलों के सीजन समाप्त होते ही खेतो को नमी की खासी आवश्यकता होती है।लेकिन बारिश नहीं होने के कारण खेतो से उड़ती धूल बागवानो व किसानों के चेहरों की ख़ुशी छीन रहा है। ज़िला के सबसे ऊँचे मलिंग नाला में नवंबर माह में अधिक शुष्क ठंड के कारण नाला पूरी तरह जाम हुआ है. और नाले में बहने वाला पानी शीशे में तब्दील हुआ है.जिसकारण मौके पर वाहनों के टायर भी फिसल रहे है।वही ज़िला के छितकुल, रकछम, कल्पा, आसरंग, लिप्पा हाँगरंग घाटी के सभी ग्रामीण इलाको में पीने के पानी के जलस्त्रोत जमने लगे है।जिसकारण लोगो को पीने के पानी की समस्याएं भी शुरू हुई है।और अधिक ठंड के कारण लोग घर से बाहर निकलते हुए गर्म वस्त्रों का प्रयोग कर रहे है।जिले में सूखे की मार और शुष्क ठंड से लोगो को दिक्क़ते पैश आने के साथ साथ कई प्रकार के वायरल बीमारियों का शिकार होने का खतरा भी बढ़ा है। ज़िला में प्रशासन की ओर से डीसी किन्नौर ने जिले के ऊँचे पहाड़ो के तालाब, छोटे बड़े नाले जमने व बर्फबारी के खतरे को देखते हुए पहाड़ो पर ट्रेकिंग पर पूर्ण प्रतिबंध भी लगाया है। जिसको लेकर हालही में एक आदेश भी डीसी किन्नौर की तरफ से जारी किए गए है। ताकि पहाड़ो पर ट्रेकिंग के दौरान किसी के जान माल का नुकसान न हो। जिले में सूखे की मार झेल रहे बागवानो व किसानों के अलावा जंगलो में आगजनी का खतरा भी बढ़ा है। ऐसे में वन विभाग ने भी जिले के लोगो को सूखाग्रस्त जंगलो व खेतो में आगजनी की घटना को अंजाम देने से लोगो को परहेज का आग्रह किया है। ताकि जंगलो की सम्पदा को जलने से बचाया जा सके।

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