UP News: कानपुर के रोशन अरोड़ा समेत 16 भारतीय क्रू मेंबरों को गिनी देश की नेवी ने बंधक बना लिया था। अन्य देशों के क्रू मेंबरों समेत कुल 26 लोग तीन महीने तक उनके बंधक बने रहे। इसके बाद इन लोगों को नाइजीरिया नेवी के हवाले कर दिया गया था।
गोविंद नगर थाना क्षेत्र स्थित लेबर कॉलोनी में रहने वाले मनोज अरोड़ा का बेटा रोशन अरोड़ा (26) मर्चेंट नेवी में असिस्टेंट ऑफिसर हैं। परिवार में रोशन की मां सीमा अरोड़ा और बहन कोमल है। बीते 5 नवंबर, 2022 को रोशन ने किसी तरह से छिपकर परिवार को फोन पर जानकारी दी थी कि गिनी देश की नेवी ने क्रू मेंबरों को बंधक बना लिया है। सभी मेंबर तीन महीने से बंधक थे। इनमें 16 भारतीय, 6 श्रीलंका, पोलैंड और फिलीपिंस के एक-एक और दो अन्य देशों के हैं। इसके बाद गिनी देश की नेवी सभी शिप क्रू मेंबरों को नाइजीरिया नेवी के हवाले कर दिया था।
सांसद सत्यदेव पचौरी से लगाई थी मदद की गुहाररोशन अरोड़ा के परिवार ने कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी के मुलाकात कर बेटे को सकुशल भारत लाने की गुहार लगाई थी। सांसद सत्यदेव पचौरी ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर घटनाक्रम की जानकारी दी थी। पत्र में लिखा गया था कि बहुराष्ट्रीय विदेशी स्वामित्व के तहत एक वेरी लार्ज क्रूड कैरियर श्रेणी का शिप एमवी हीरोइक इदुन विदेशी झंडे की नीचे जा रहा था। तेल चोरी के शक में गिनी देश की नेवी ने हिरासत में ले लिया था। इसके बाद सभी को नाइजीरिया नेवी के हवाले कर दिया गया था।
संघीय हाईकोर्ट में चल रहा था मुकादमा
शिप के सभी क्रू मेंबरों को 14 और 15 नवंबर को नाइजीरिया के पोर्टहरकोर्ट शहर के संघीय हाईकोर्ट में पेश किया गया था। क्रू मेंबरो पर कोर्ट के सामने झूठे समुद्री डकैतों का दावा, चालक दल के भागने और तेल चोरी के आरोप लगाते हुए पेश किया गया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान लगातार तारीखें पड़ रही थीं। कानूनी प्रक्रिया के बाद सभी क्रू मेंबरों को बीते 28 मई को छोड़ दिया गया था। इस दौरान भारतीय उच्चायोग भारतीय क्रू मेंबरों के संपर्क में थे।
गिनी नेवी ने नहीं किया अच्छा व्यवहार: रोशन
रोशन अरोड़ा ने बताया कि बीते दस महीने मेरी जिंदगी सबसे खराब दिन थे। एक-एक दिन घुट-घुट कर जी रहे थे। हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा था। हमें शुरूआती दिनों में गन प्वाईंट पर रखा गया था। कई-कई दिनों तक कमरे में ही बंद रहते थे। लेकिन जब से भारतीय दूतावास के संपर्क में आए तो हमें सहुलियतें मिलने लगीं। उन्होने बताया कि मैं दोबारा फिर से नौकरी पर जाउंगा।
भारतीय दूतावास ने की मदद
रोशन ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सांसद समेत कानपुर के जनप्रतिनिधियों का आभार करता हूं। भारतीय दूतावास ने हमारी बहुत मदद की। आज मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा दिन है। मैं लगभग एक साल से ज्यादा समय के बाद अपने पैरेंट्स से मिला हूं। आज अपनों के बीच पहुंचकर खुशी महसूस कर रहा हूं।