Junior Mehmood passed away हिन्दी सिनेमा के मशहूर अभिनेता जूनियर महमूद कैंसर से जंग हार गए. 67 की उम्र में जूनियर महमूद उर्प़ नईम सैय्यद का निधन हो गया. कुछ दिनों पहले जॉनी लिवर, जीतेंद्र और सचिन पिलगांवकर उनसे मिलने पहुंचे थे.
नहीं रहे जूनियर महमूद
E Times की एक रिपोर्ट के अनुसार, जूनियर महमूद के दोस्त काज़ी ने अभिनेता के निधन की पुष्टि की. काज़ी के मुताबिक महमूद काफ़ी लंबे से लंग्स और लीवर के कैंसर से लड़ रहे थे. कुछ दिनों पहले रिपोर्ट आई थी कि उनकी आंत में भी ट्यूमर है. 8 दिसंबर रात करीब 2 बजे जूनियर महमूद ने आखिरी सांस ली.
ANI से बात-चीत में सालम काज़ी ने बताया, ‘वो दो महीने से बीमार थे. पहले हमें लगा कि कोई छोटी-मोटी समस्या होगी लेकिन उनका वज़न तेज़ी से घटने लगा. मेडिकल रिपोर्ट्स आए तब पता चला कि उन्हें लिवर, लंग्स मैं कैंसर है और इंटेस्टाइन में ट्यूमर है. उन्हों जॉन्डिस भी हो गया था. डॉक्टर्स ने बताया था कि उन्हें स्टेज 4 कैंसर है.’
कहां दी जाएगी जूनियर महमूद को अंतिम विदाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जुहू के कब्रिस्तान में नईम सैय्यद उर्फ़ जूनियर महमूद को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. जूनियर महमूद अपने पीछे पत्नी, दो बेटे, बहू और एक पोता छोड़कर गए हैं.
जीतेंद्र से मिलने की इच्छा ज़ाहिर की थी
जूनियर महमूद की तबीयत तेज़ी से बिगड़ रही थी. उन्होंने वेटेरन एक्टर जीतेंद्र और सचिन पिलगांवकर से मिलने की इच्छा ज़ाहिर की थी. उन्होंने जीतेंद्र के साथ कई फ़िल्मों में काम किया. सचिन पिलगांवकर उनके बचपन के दोस्त हैं.
जैसे ही नईम सैय्यद की तबीयत बिगड़ने की खबर जीतेंद्र और पिलगांवकर तक पहुंची वो दोनों सैय्यद से मिलने पहुंचे. मंगलवार, 5 दिसंबर को दोनों जूनियर महमूद से मिले. जूनियर महमूद से मिलने के बाद जीतेंद्र काफ़ी भावुक हो गए थे.
कौन थे जूनियर महमूद?
जूनियर महमूद का रियल नाम नईम सैय्यद था. 15 नवंबर, 1956 को उनका जन्म हुआ. वो तकरीबन 200 फ़िल्मों में नज़र आए. उन्होंने बॉलीवुड में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम शुरू किया और उन्हें खास पहचान मिली. उन्होंने कटी पतंग, ब्रह्मचारी, मेरा नाम जोकर, हाथी मेरे साथी, कारवां जैसी फ़िल्मों में काम किया.