हिमाचल में खतरे के साये में “सफर”, कुदरत के करिश्मे से HRTC चालक को मिली सद्बुद्धि

बारिश (Rain)  की तबाही के बाद “हिमाचल प्रदेश” जीवन की सामान्य धारा पर लौटने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इस दौरान भी जोखिम का सामना करना पड़ रहा है। बेशक ही ट्रैफिक चलने लगा है लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं कब और कहां सड़क धंस जाए। हालांकि हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) ने रिमोट इलाकों में रूट (Route) बहाल किए हैं, लेकिन सफर के दौरान खतरा बना रहता है।

चंबा जिला के चुराह उपमंडल से सामने आए एक वीडियो (Video) में साफ़ अंदाजा लग रहा हैं कि पहाड़ी प्रदेश की अंदरूनी सड़कों की हालत क्या है। यहां तक की फोरलेन व हाईवे (fourlane and highway)पर भी सफर जोखिमपूर्ण है। दीगर है कि प्रदेश के हालात 9 जुलाई के बाद से अब तक सामान्य नहीं हुए है।

दरअसल, चंबा जिला के रिमोट इलाके (remote areas) में निगम की बस भंजराडू-से सनवाल रूट पर थी। नाला पार करने के दौरान ये बस सवारियों सहित दलदल में फंस गई, दूसरी तरफ खाई थी। इसके बाद जो हुआ उसे कुदरत का करिश्मा कहें या फिर चालक की सूझबूझ। तमाम सवारिया सुरक्षित बाहर आ गई जैसे ही बस एक तरफ झुकने लगी तो बस के भीतर मौजूद यात्रियों में हड़कंप मच चुका था। चालक ने बस को निकालने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। गनीमत इस बात की रही कि तमाम सवारियां सुरक्षित हैं।

उधर, एक अन्य घटनाक्रम में कांगड़ा से भरमौर जा रही एक निजी बस भी खाई में गिरने से बाल-बाल बच गई। जानकारी यह है कि बस के आगे का एक पहिया कच्ची सड़क में दब गया था। बस का पहिया धंसने के दौरान यात्रियों में चीख पुकार मच गई थी।

गनीमत यह रही कि बस नीचे नहीं लुढ़की अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। बाद में बस को जेसीबी मशीन (jcb machine) से निकाला गया। बता दे कि 9 जुलाई के बाद से पहाड़ी प्रदेश में आम जनजीवन सामान्य नहीं हो रहा है। बेशक ही बारिश की रफ्तार धीमी हुई हो, लेकिन अब लैंडस्लाइड (landslide) की घटनाएं आमजन जीवन पर असर डाल रही है।