पहली बार महिला कुश्ती के फाइनल में पहुंचीं विनेश फोगाट से देश को गोल्ड मेडल की उम्मीद थी, लेकिन पेरिस ओलंपिक में फाइनल खेलने से पहले ओवरवेट होने की वजह से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया.
खिलाड़ी फोगाट के अयोग्य होने का अफसोस समूचे भारत में देखा जा रहा है। वहीं सोलन में अंतरराष्ट्रीय ताई कमांडो खिलाड़ी एवं फीफा स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर कुशल तिवारी ने भी फोगाट के अयोग्य होने पर दुख जताया और कहा कि खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने के लिए वर्षों अपना पसीना बहाता है लेकिन टीम की लापरवाही का खामियाजा खिलाड़ी को भुगतना पड़ता है उन्होंने कहा कि यह केवल फोगाट की हार नहीं है बल्कि देश के सिस्टम की हार है। जिसे सुधारने की आवश्यकता है।
अंतरराष्ट्रीय कराटे खिलाड़ी एवं फिजियोथैरेपिस्ट कुशल तिवारी ने अफसोस जताते हुए कहा कि वह भी एक खिलाड़ी रह चुके हैं और इसलिए वह जानते हैं कि अगर खिलाड़ी को अयोग्य घोषित कर दिया जाए तो उस पर क्या बीतती है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल का प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी चार वर्षों तक कड़ी तपस्या करते हैं और खूब खून पसीना बहाते है। उसके बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिलता है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी के साथ एक बड़ी टीम काम करती है जिसमें फिजियोथेरेपिस्ट डाइटिशियन , कोच , फिटनेस कोचिस , भी शामिल होते हैं जो खिलाड़ी पर कड़ी नजर रखते हैं लेकिन लगता है उनके साथ गई टीम से कहीं पर चूक हुई है जिसका खामियाजा आज फोगाट भुगत रही है