ISRO रचेगा इतिहास: चंद्रयान-3 को 384,400 KM दूर लेकर जाएगा ‘बाहुबली’, Launching Date आई सामने

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO अपने बाहुबली से इतिहास रचने को तैयार है. आने वाले जुलाई माह में ISRO श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) एमके III से लॉन्च करेगा. यह तीन स्टेज वाला लॉन्च व्हीकल है. बाहुबली के नाम से जाना जाने वाला देश का ये सबसे हैवी लॉन्च व्हीकल इतिहास रचने को तैयार है.

चंद्रयान-3 की लांचिंग की तारीख आई सामने

इस मिशन का मकसद पृथ्वी से इतर किसी दूसरी जगह पर अपने यान की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की क्षमता हासिल करना है. इससे पहले अब तक सिर्फ 3 देशों ने इस तरह की तकनीक हासिल कर पाए हैं. मिशन सफल रहा तो इंडिया ऐसा चौथा देश बन जाएगा. इससे पहले चीन, अमेरिका, रूस चंद्रमा पर अपना स्पेसक्राफ्ट की सफल लैंडिंग करा चुके हैं.

इसरो चीफ एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 की लांचिंग की तारीख की पुष्टि करते हुए कहा कि सारी तैयारी पूरी हो चुकी है और 12 से 19 जुलाई के बीच श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे लांच किया जाएगा. वहीं ये दावा भी किया जा रहा है कि इसकी लांचिंग 13 जुलाई को दोपहर 2.30 बजे हो सकती है. चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के लिए इसरो का यह तीसरा मिशन है, इसीलिए इसे चंद्रयान-3 नाम दिया गया है.

चंद्रमा पर पहुंचने का ये तीसरा मिशन

इसरो ने सबसे पहले 2008 में चंद्रयान-1 लांच किया था. जो चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने में सफल रहा था. 2019 में भारत ने चंद्रयान-2 से दूसरा प्रयास किया, लेकिन चांद पर लैंडर होने से पहले ही रोवर में खराबी आने की वजह से यह प्रयास असफल हो गया था. एक तरह से चंद्रयान-3 दूसरे मिशन का फॉलोअप है. इसमें वो सफलता हासिल करने की कोशिश की जा रही है जो चंद्रयान-2 के समय अधूरी रह गई थी.

चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (LM), एक प्रपोल्शन मॉड्यूल (PM) और एक रोवर शामिल है, जिसका उद्देश्य अंतर्ग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई तकनीकों को विकसित और प्रदर्शित करना है. चंद्रयान-3 ने लांचिंग से पहले टेस्टिंग प्रक्रिया पार कर ली है, सभी टेस्टों में ये सफल रहा है, खास तौर से लांचिंग व्हीकल के ऊपरी फेज को रफ्तार देने के लिए इसमें लगाया गया क्रायोजेनिक सीई-20 इंजन की टेस्टिंग भी सफल रही है. लैंडर भी अपने टेस्ट में पास हो चुका है.

चंद्रयान-3 तैयार करने में आया खर्च!

इसरो का चंद्रयान-3 तकरीबन 615 करोड़ रुपये में तैयार हुआ है. हालांकि इसका ओवरऑल खर्च एक हजार करोड़ के आसपास होगा. बताया जा रहा है कि चंद्रयान-3 के लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल पर तकरीबन 250 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जबिक इसकी लांचिंग पर 365 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. जिस GSLV Mk III रॉकेट से इसे लांच किया जाएगा उसकी लागत भी 350 करोड़ के आसपास है.