IPS अधिकारी जहूर हैदर जैदी को बहाली के छह माह बाद मिली पोस्टिंग

बहुचर्चित गुड़िया रेप और मर्डर केस से जुड़े लॉकअप हत्या मामले के आरोपी आईपीएस जहूर हैदर जैदी को राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने तैनाती दे दी है। उन्हें शिमला में कम्युनिकेशन एंड टेक्निकल सर्विसेस (सी एंड टीएस) लोजीस्टिक्स का आईजी लगाया गया है। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शुक्रवार देर रात इस संबंध में अधिसूचना जारी की है।

सेवा बहाली के छह माह बाद जहूर जैदी को पुलिस विभाग में तैनाती मिली है। राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार ने सत्तासीन होने के एक माह बाद जनवरी 2023 में आईपीएस अधिकारी जैदी का निलंबन रद्द कर उनकी सेवा बहाल की थी। इस तरह छह माह बाद पुलिस विभाग में उनकी पोस्टिंग हुई है। इससे पहले पूर्व भाजपा सरकार ने 15 जनवरी 2020 को आईपीएस जहूर जैदी को निलंबित किया था। उनकी सेवाएं तीन साल बाद बहाल हुई थीं।

IPS अधिकारी जहूर हैदर जैदी

जहूर जैदी साल 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। सीबीआई ने अगस्त 2017 में गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले से जुड़े लॉकअप डेथ मामले में इसे गिरफ्तार किया था। वह 582 दिनों तक शिमला के कण्डा जेल में रहे। दरअसल वह उस एसआईटी का हिस्सा थे, जिसे गुड़िया मामले की जांच के लिए बनाया गया था। अपनी जमानत के लिए जहूर जैदी पहले सुप्रीम कोर्ट भी गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 5 अप्रैल, 2019 को जैदी को जमानत दे दी

हिमाचल प्रदेश सरकार ने 23 नवंबर, 2019 को उनका निलंबन रद्द कर दिया और उन्हें 30 नवंबर को वक्फ बोर्ड का सीईओ नियुक्त किया गया। हालांकि फिर ट्रायल कोर्ट ने 24 जनवरी 2020 को उनकी नियमित जमानत रद्द कर दी थी। इस दौरान जैदी की तरफ से दलील दी गई थी कि सुप्रीम कोर्ट की जमानत को ट्रायल कोर्ट खारिज नहीं कर सकता।

आईपीएस अधिकारी पर ये था आरोप

शिमला जिला के कोटखाई में 4 जुलाई 2017 को 16 वर्षीय एक छात्रा स्कूल से लौटते वक्त लापता हो गई थी। 6 जुलाई को कोटखाई के तांदी के जंगल में छात्रा का निर्वस्त्र शव मिला। शिमला पुलिस की जांच में छात्रा से रेप के बाद हत्या होने की बात सामने आई थी। इस मामले की जांच के लिए शिमला के तत्कालीन आईजी जहूर हैदर जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई। एसआईटी ने इस मामले में एक स्थानीय युवक सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक नेपाली युवक सूरज की कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गई थी। सीबीआई ने सूरज की कस्टोडियल के मामले में ही जहूर जैदी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था।

खास बात यह है कि जैदी पर कस्टोडियल डेथ मामले में एक महिला आईपीएस अधिकारी पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाने का भी आरोप लगा था। महिला आईपीएस अधिकारी ने चंडीगढ़ की विशेष सीबीआई अदालत में यह खुलासा किया था। इस पर विशेष सीबीआई अदालत ने राज्य के तत्कालीन डीजीपी को जैदी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। उसके बाद जनवरी 2020 में गृह विभाग ने जैदी को निलंबित कर दिया था।