हिमाचल भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी से पहले ही भीतर खाने की राजनीति उफान पर है। हालिया घटनाक्रमों ने यह साफ कर दिया है कि पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। पूर्व मंत्री रमेश धवाला और देहरा से उपचुनाव लड़ चुके होशियार सिंह के आवासों पर भाजपा नेताओं की अलग-अलग बैठकों ने नई बहस को जन्म दे दिया है। गुटबाजी की यह चिंगारी अब धधकती आग में बदलती दिख रही है।रमेश धवाला पहले ही देहरा मंडल चुनावों को लेकर नाराजगी जता चुके हैं और समानांतर इकाई बनाने की कोशिशों से पार्टी के अनुशासन पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। दूसरी तरफ, सुधीर शर्मा—जो कांग्रेस से भाजपा में आए हैं—का होशियार सिंह के घर पहुंचना पार्टी के भीतर किसी छिपी रणनीति का संकेत दे रहा है।इस सबके बीच एक और विस्फोटक मामला सामने आया है। पार्टी के एक कार्यकर्ता दिनेश शर्मा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी गई कथित चिट्ठी ने प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल की कुर्सी को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस चिट्ठी में बिंदल पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मामला इतना बढ़ गया कि भाजपा ने इस चिट्ठी के खिलाफ छोटा शिमला थाने में शिकायत दर्ज करवा दी है।हालांकि, डॉ. बिंदल ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि बेनामी चिट्ठियों का कोई महत्व नहीं होता। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि भाजपा के अंदर एक खामोश जंग चल रही है, जो किसी भी वक्त बड़ा विस्फोट कर सकती है।इधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का दिल्ली दौरा भी इसी सियासी उठापटक से जोड़ा जा रहा है। भले ही वे अंबेडकर सम्मान समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे हों, लेकिन उनकी मुलाकातें प्रदेश की सियासत का नया नक्शा खींच सकती हैं।स्पष्ट है कि भाजपा के भीतर शक्ति संतुलन बुरी तरह डगमगाया हुआ है — और अध्यक्ष पद की दौड़ ने इसे और जटिल बना दिया है। अब देखना यह है कि पार्टी आलाकमान इस अंदरूनी बवंडर को कैसे थामता है।