Instacart CEO Story कैसे एक खाली रेफ्रिजरेटर ने इस 37 वर्षीय भारतीय मूल के CEO को अरबपति बना दिया?

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20 स्टार्टअप विचारों में असफल होने के बाद इंस्टाकार्ट (Instacart) के सह-संस्थापक अपूर्व मेहता (Apoorva Mehta) के जीवन को बदलने में बस एक खाली रेफ्रिजरेटर ने अहम भूमिका निभाई. वो कैसे आइए जानते हैं.

अपूर्व मेहता कौन हैं?

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अप्रवासी माता-पिता का बेटा, जो भारत से लीबिया और फिर कनाडा गया. आज वो 37 वर्षीय युवक अपूर्व मेहता एक अरबपति हैं जिनकी संपत्ति $1.3 बिलियन है, जबकि उन्होंने जिस इंस्टाकार्ट कंपनी की स्थापना की. उसकी प्रेरणा उन्हें एक खाली रेफ्रिजरेटर से मिली थी. जिसकी कीमत अब 12 अरब डॉलर है.

दरअसल, मेहता इंस्टाकार्ट के संस्थापक हैं, जो 7.7 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं और अमेरिका में 80,000 से अधिक स्टोरों के नेटवर्क वाला किराना डिलीवरी प्लेटफॉर्म है. वह कंपनी के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे. इंस्टाकार्ट 18 सितंबर को अमेरिका में 9.9 बिलियन डॉलर के आईपीओ के बाद सार्वजनिक हुआ और तब से इसका मूल्य 12 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है.

कैस एक खाली रेफ्रिजरेटर ने उन्हें प्रेरित किया

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मेहता ने इस सप्ताह अपनी कंपनी के आईपीओ के फोर्ब्स के माध्यम से सार्वजनिक होने के तुरंत बाद लिंक्डइन पर लिखा, “एक दशक से भी अधिक समय पहले, मैं सैन फ्रांसिस्को में अपने अपार्टमेंट में बैठकर इस बात पर शोक मना रहा था कि मेरे रेफ्रिजरेटर में केवल गर्म सॉस थी.” उन्होंने लिखा “मुझे गलत मत समझो, मुझे गर्म सॉस पसंद है, लेकिन आप इससे वास्तव में भोजन नहीं बना सकते.”

इस तरह इंस्टाकार्ट का जन्म हुआ, जो मेहता जैसे लाखों लोगों को घर बैठे किराने का सामान खरीदने में मदद करने का एक आइडिया था. मेहता कहते हैं, “मेरा खाली रेफ्रिजरेटर एक समस्या थी और प्रेरणा का स्रोत भी बना.” मेहता आगे जोड़ते हैं “यह 2012 था और मैं किराने के सामान को छोड़कर हर चीज़ ऑनलाइन खरीद सकता था. वह मेरे लिए एक लाइटबल्ब पल था, और मैंने इंस्टाकार्ट ऐप के पहले संस्करण को कोडिंग करना शुरू कर दिया.”

उन्होंने Amazon में अपनी नौकरी क्यों छोड़ी?

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इंस्टाकार्ट के शुरुआती दिनों में मेहता, जिनके पास कोई कार नहीं थी, उबर के माध्यम से डिलीवरी स्वयं करते थे. तब से कंपनी 6,00,000 से अधिक ऐसे खरीदारों के साथ बढ़ी है और पिछले कुछ वर्षों में, विशेष रूप से महामारी के दौरान निवेशकों से अरबों डॉलर जुटाए हैं. जिनमें सिकोइया कैपिटल, आंद्रेसेन होरोविट्ज़ और पेप्सिको जैसे निवेशक शामिल हैं.

इंस्टाकार्ट मेहता का अपना उद्यम स्थापित करने का पहला प्रयास नहीं था. अमेज़ॅन, क्वालकॉम और ब्लैकबेरी के एक पूर्व कर्मचारी ने वाटरलू विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. अपनी रसोई से इंस्टाकार्ट शुरू करने से पहले वह लगभग 20 अलग-अलग आडिया को सेटअप करने की कोशिश की थी. इसमें वकीलों के लिए सोशल नेटवर्किंग पर फोकस एक प्रोडक्ट भी शामिल था.

2010 में अपूर्व मेहता सिएटल में अमेज़ॅन के लिए सप्लाई चैन इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे लेकिन वह एक एंटरप्रेन्योर  बनना चाहते थे. उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और सैन फ्रांसिस्को चले गए, जहां उन्होंने कई स्टार्टअप में अपना हाथ आजमाया.

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मेहता ने कहा, “मैंने अमेज़ॅन में अपनी नौकरी इसलिए छोड़ी क्योंकि मैं एक एंटरप्रेन्योर बनना चाहता था.” मेहता कहते हैं “मुझे नहीं पता था कि मेरे आइडिया का क्या होगा.”

इंस्टाकार्ट ने यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के साथ दायर अपने प्रॉस्पेक्टस में कहा, “2022 में संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 1.1 ट्रिलियन डॉलर के वार्षिक खर्च के साथ, खुदरा क्षेत्र में किराना सबसे बड़ी कैटेगरी है.” इंस्टाकार्ट का कहना है कि अमेरिकी किराने की खरीदारी का केवल 12 प्रतिशत ऑनलाइन हुआ, जबकि उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स का 66 प्रतिशत, परिधान का 38 प्रतिशत, कंज्यूमर फ़ूड सर्विस का 23 प्रतिशत और घरेलू सामान का 20 प्रतिशत ऑनलाइन हुआ.

Instacart के IPO ने कैसा प्रदर्शन किया?

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फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, इंस्टाकार्ट जिसका मूल्य आईपीओ से पहले निजी बाजारों में विभिन्न फंडिंग राउंड के बाद 39 बिलियन डॉलर से अधिक था. 19 सितंबर को सार्वजनिक होने पर अपने आईपीओ की कीमत 30 डॉलर प्रति शेयर रखी थी. स्टॉक में 12% की तेजी से पहले इसका बाजार पूंजीकरण बढ़ गया था. जो $11 बिलियन से अधिक थी.

मेहता ने कहा “यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ. इंस्टाकार्ट जो काम कर रहा है वह अभी शुरुआत है. मैं यह देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकता कि टीम किस तरह किराना उद्योग में बदलाव ला रही है.’ हालांकि, ट्रेडिंग के दूसरे दिन इंस्टाकार्ट के शेयरों में 11% की गिरावट देखी गई, जिससे उसके आईपीओ का लगभग सारा लाभ खत्म हो गया.

अरबपति ने अब CEO की भूमिका क्यों छोड़ दी?

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ब्लॉकबस्टर आईपीओ के बाद, अरबपति मेहता ने सिमो को अपना प्रभार सौंपते हुए बोर्ड छोड़ दिया. वह 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़े व्यक्तिगत शेयरधारक बने रहेंगे. मेहता ने फोर्ब्स को बताया, “बहुत से लोगों ने कहा है कि शायद मुझे कंपनी से बाहर निकाल दिया गया था. वास्तविकता यह है कि अगर मैं इंस्टाकार्ट का CEO बनना चाहता, तो मैं Instacart का CEO होता.”

37-वर्षीय मेहता इसके बजाय अपना ध्यान अपनी नव-स्थापित कंपनी, क्लाउड हेल्थ सिस्टम्स पर लगाएंगे जिसका उद्देश्य हाल ही में लॉन्च की गई सेवा के माध्यम से मोटापे को संबोधित करना है, जिसे सनराइज के नाम से जाना जाता है. हेल्थ-टेक स्टार्टअप ने पहले ही निवेशकों से 42 मिलियन डॉलर जुटा लिए हैं, जिनमें थ्राइव कैपिटल, आंद्रेसेन होरोविट्ज़ और जनरल कैटलिस्ट शामिल हैं. नवंबर 2022 के वित्तपोषण दौर में इसका मूल्य 200 मिलियन डॉलर आंका गया था.