118 नियम के तहत जमीन खरीद कर कसौली में बसे पूंजीपति , होटल व्यवसाय को पूरी तरह से प्रभावित करने में लगे हैं। वह नियमों को दरकिनार कर बिना किसी अनुमति के गैर कानूनी ढंग से होमस्टे चला रहे हैं। जिसकी वजह से कसौली सनावर और आसपास के क्षेत्र के होटल व्यवसायी का व्यवसाय चौपट होने लगा है। इसको लेकर कसौली सनावर होटल एसोसिएशन द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष वेद गर्ग ने की। इस मौके पर भारी संख्या में होटल व्यवसायियों ने भी भाग लिया और होटल व्यवसायियों को पेश आ रही दिक्क्तों को लेकर अपनी अपनी राय भी रखी .
अधिक जानकारी देते हुए संगठन के अध्यक्ष वेद गर्ग ने बताया कि कसौली सनावर के होटल व्यवसाय भारी राजस्व प्रदेश सरकार को दे रहे हैं । सभी तरह के टैक्स भी चुका रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद भी यहां के होटल व्यवसाईयों के हितों को अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कसौली में 118 की परमिशन लेकर आए पूंजीपति नहीं चाहते की, इस क्षेत्र में होटल व्यवसाय फले फूले। इसलिए वह कई तरह की अडचने व्यवसायियों के मार्ग में पैदा करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि समूचे हिमाचल में होटल बनाने के लिए अलग नियम है लेकिन कसौली में अलग तरह की बंदिशें लगाई गई है। उन्होंने मांग की है कि जिस तरह से सरकार ने शिमला में एनजीटी को हराकर निर्माण कार्य के नियम बदले हैं। इस तरह से कसौली में भी होटल व्यवसाय को चमकाने के लिए या आगे बढाने के लिए भी इस तरह की पहल की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने होटल व्यवसायियों के हित में काफी अच्छा फैसला लिया है .और गैर कानूनी ढंग से चलने वाले होमस्टे ए पर रोक लगाने की बात की है। जिससे होटल व्यवसायी बेहद खुश हैं और वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द यह कार्रवाई अमल में लाई जाए। क्योंकि गैर कानूनी ढंग से चलने वाले होमस्टे ना यहां के लोगों को रोजगार दे रहे हैं और ना ही सरकार को राजस्व दे रहे हैं