भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी मंडी ने अपने 12वें दीक्षांत समारोह के साथ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया जिसमें संस्थान और इसके स्नातकों की उपलब्धियों को सम्मानित किया गया। समारोह के दौरान कुल 636 छात्रों (463 पुरुष और 173 महिला) ने विभिन्न विषयों में अपनी डिग्रियां प्राप्त कीं। इस साल स्नातक होने वाली छात्राओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2023 में 23.36% की तुलना में 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 27.20% हो गया है। यह लैंगिक विविधता और समावेशिता के प्रति आईआईटी मंडी की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक. स्नातक श्री शाश्वत गुप्ता को स्नातक छात्रों में सर्वोच्च सीजीपीए प्राप्त करने के लिए भारत के राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। वहीं बायो इंजीनियरिंग में बी.टेक. स्नातक सुश्री जैन हिया सुधीर को स्नातक छात्रों में सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन के लिए निदेशक स्वर्ण पदक मिला। इसके अतिरिक्त रसायन विज्ञान में एम.एससी. स्नातक श्री देवांशु सजवान को समग्र उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए संस्थान का स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ।इस सामारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री मनोज जैन ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढाई।इस दौरान आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने संस्थान की उल्लेखनीय उपलब्धियों को समेटते हुए डायरेक्टर रिपोर्ट प्रस्तुत की।
नेता बनने के लिए तैयार है।आईआईटी मंडी के 12वें दीक्षांत समारोह में न केवल अपने स्नातकों की उपलब्धियों का जश्न मनाया, बल्कि शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान के समर्पण को भी पुष्ट किया।