IAF Gets First LCA Tejas: भारतीय वायुसेना को मिला पहला LCA तेजस, हल्के वजन वाला ये ट्विन सीटर विमान भरेगा हर मौसम में उड़ान

भारतीय वायु सेना अब दूसरे देशों से विमान लेने की जगह की अपने देश में बनाए गए विमानों को दल में शामिल करने पर जोर दे रही है. ‘आत्मनिर्भर भारत’ की तर्ज पर नजरें गड़ाए हुए IAF ने अपने दल में पहला हल्का लड़ाकू विमान (LCA) तेजस, शामिल किया है.

IAF को मिला पहला LCA Tejas

4 अक्टूबर को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को दो सीटों वाले इस विमान LCA तेजस को सौंपा है. बेंगलुरु स्थित कंपनी के मुख्यालय ने द्वारा कहा गया है कि दो सीटों वाले इस विमान में वायुसेना की प्रशिक्षण जरूरतों में सहयोग की सारी क्षमताएं हैं और आवश्यकता पड़ने पर यह लड़ाकू की भूमिका भी निभाता है. दो सीटों वाला LCA तेजस एक हल्का 4.5 श्रेणी का विमान है, जो मल्टीपल रोल निभाने में सक्षम है. इसकी एक खासियत ये भी है कि मौसम चाहे जैसा भी हो यह अच्छी बुरी हर स्थिति में काम कर सकता है.

क्या है इसकी खासियत?

भारतीय वायु सेना में तेजस के ट्रेनर वर्जन का शामिल होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह विमान भारतीय पायलटों को आधुनिक लड़ाकू विमान चलाने के लिए आवश्यक अनुभव प्रदान करेगा. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बताया कि आज का यह ऐतिहासिक आयोजन दो सीटों वाले एलसीए विमान के उत्पादन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिसे नए-नए पायलटों को दो सीटों वाले विमान के जरिए लड़ाकू पायलट के रूप में ट्रेनिंग करने के रणनीतिक इरादे से डिजाइन किया गया है.

2027 तक पूरा होगा ऑर्डर

वायुसेना को LCA तेजस सौंपे जाने के उपलक्ष में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जहां रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट मुख्य अतिथि थे. कार्यक्रम के दौरान एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी एवं अन्य की उपस्थिति में दो सीटों वाले एलसीए विमान लॉन्च किया गया. विमान को निरीक्षण के बाद सेवा (आरएसडी) के लिए सौंपा गया. कंपनी ने कहा कि इससे भारत उन विशिष्ट देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने ऐसी क्षमताएं विकसित की हैं और उन्हें अपने रक्षा बलों में शामिल किया है. कंपनी ने कहा कि यह भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का एक और उदाहरण है.

भारतीय वायुसेना ने एचएएल को दो सीटों वाले 18 विमान का ऑर्डर दिया है और 2023-24 के दौरान उनमें से आठ की आपूर्ति करने की उसकी योजना है. शेष 10 की आपूर्ति 2026-27 तक की जाएगी. कंपनी ने कहा कि वायुसेना से और भी ऑर्डर मिलने की उम्मीद है.