हिमाचल प्रदेश का नाहन शहर व आसपास के ग्रामीण इलाके 15 दिसंबर के बाद से लगातार पावर कट का सामना कर रहे हैं। हर कोई इसकी वजह जानना चाहता है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने इसकी पड़ताल की तो कारण सामने आया।
दरअसल, सर्दियों में बिजली की खपत बढ़ जाती है। गिरी प्रोजेक्ट से सप्लाई को नाहन व धौलाकुआं में डिवाइड किया जाता हैै। शहर की डिमांड 19 मेगावाट चल रही है। 17 मेगावाट (megaavaat) के बाद पावर कट मजबूरी हो जाता है। अन्यथा, गिरी प्रोजेक्ट की सप्लाई क्रैश हो सकती है। लिहाजा, बिजली बोर्ड द्वारा 2 मेगावाट की एडजस्टमेंट के उद्देश्य से अलग-अलग क्षेत्रों में पावर कट लगाए जाते हैं, ताकि सप्लाई 17 मेगावाट से क्रॉस न करे।
उधर, शहर में बुधवार को पावर गुल रही। बिजली बोर्ड के मुताबिक कोलर में ट्रांसमिशन लइन के टूट जाने की वजह से बिजली बंद रही।
गनीमत इस बात की है कि इस बार सर्दियों में डिमांड नहीं बढ़ी, इसकी वजह ये है कि तापमान में इक्का-दुक्का दिन को छोड़कर अप्रत्याशित गिरावट नहीं आई। अन्यथा, पावर कट ब़ड़ी मुसीबत बन सकता था। वैसे तो राज्य विद्युत बोर्ड (HPSEB) ने शहर की सप्लाई की वैकल्पिक व्यवस्था भी कर ली है, लेकिन कालाअंब के अंधेरी में सब स्टेशन के कार्य को पूरा होने में जनवरी का महीना लग सकता है। यहां, नॉर्दन ग्रिड (Northern Grid) से बिजली पहुंचेगी। इसके बाद शहर को पावर कट की समस्या का सामना नहीं करना पडे़गा। बिजली बोर्ड ने अंधेरी सब स्टेशन को लेकर कार्य पूरा कर लिया है, लेकिन केंद्रीय एजेंसी का कार्य चंद सप्ताह का बचा हुआ है।
गौरतलब है कि तापमान में बढ़ोतरी न होने की वजह से शहर में गीजर, हीटर व अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कम हुआ। लिहाजा, बिजली की खपत भी नियंत्रित रही। जानकारों का कहना है कि सुबह 8 से 10 बजे के बीच बिजली की डिमांड बढ़ती है।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में बिजली बोर्ड के अधिशाषी अभियंता राहुल राणा ने माना कि पावर कट लग रहे हैं। स्पष्ट तौर पर कहा कि 19 मेगावाट की तुलना में 17 मेगावाट बिजली उपलब्ध हो रही है, ये अंतर समाप्त करने के मकसद से ही पावर कट लग रहे हैं। राणा ने कहा कि गिरी प्रोजेक्ट प्रबंधन की सूचना पर ही पावर कट लगते हैं। ऐसा न होने पर ट्रांसमिशन लाइन के पूरी तरह से क्रैश होने का खतरा बन जाता है। उन्होंने कहा कि जनवरी माह के अंत तक इस समस्या से निपट लिया जाएगा।