पहली बार प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की के आटे का स्वाद चखेंगे हिमाचली

Himachali will taste corn flour prepared from natural farming for the first time

अभी तक सभी ने घराटों और चक्कियों में पिसा मक्की का आटा चखा होगा। इसमें भी लोग घराट में पिसे मक्की के आटे को ही प्राथमिकता देते हैं, लेकिन अब हिमाचली जल्द ही पहली बार प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की के आटे का भी स्वाद चख पाएंगे। इसके लिए सिविल सप्लाई कार्पोरेशन के माध्यम से प्रदेश सहित जिला सिरमौर में भी किसानों से मक्की की खरीद की जा चुकी है। लिहाजा अब सरकार जल्द ही प्राकृतिक तौर पर उगी मक्की की खरीद के बाद इसे आटे का रूप देकर प्रदेशवासियों को उपलब्ध करवाएगी।

इसी के तहत जिला सिरमौर में भी प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की फसल को सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन के माध्यम से खरीदा जा चुका है। जानकारी के अनुसार इस प्राकृतिक मक्की की पिसाई के बाद अब प्रदेश सहित जिला सिरमौर में भी इसका आटा सरकारी डिपुओं के माध्यम से उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाया जाएगा।

बताया जा रहा है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से एक और 5 किलो की पैकिंग में इस प्राकृतिक आटे को राशन डिपुओं के माध्यम से जनता तक पहुंचाया जाएगा। सस्ते दामों पर खाद्य सामग्री मुहैया करवाने वाला यह विभाग पहली बार इस मक्की के आटे को भी सेल करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन अगले माह इस आटे की लॉंचिंग कर लोगों को इसे उपलब्ध करवाया जा सकता है।

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आतमा) जिला सिरमौर के परियोजना निदेशक डा. साहब सिंह ने बताया कि जिला सिरमौर में 11576 किसान 2276 हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, जिसमें से 3450 किसानों ने इस वर्ष मक्की उगाई थी। उन्होंने बताया कि जिन किसानों के पास सरप्लस मक्की थी, विभाग ने सिविल सप्लाई कार्पोरेशन के माध्यम से इसे खरीदा है। जिला में 120 किसानों से लगभग 455 क्विंटल मक्की की खरीद की जा चुकी है। संबंधित किसानों को इसका भुगतान किया जा रहा है।

परियोजना निदेशक ने बताया कि मक्की का रेट सरकार ने 3000 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। इसी प्रकार अगले रबी सीजन में 4000 रुपए प्रति क्विंटल प्राकृतिक तौर से उगाई गई गेहूं की खरीद भी किसानों से की जाएगी। सरकार किसानों को लाभान्वित करने की दिशा में प्रयासरत है।

बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा पहली बार किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की फसल को 30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदा गया है। बताया जा रहा है कि फिलहाल मक्की की पिसाई करवाई जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही यह प्राकृतिक आटा उचित मूल्यों की दुकानों में बेचने के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा

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