भाजपा लगातार कांग्रेस के मुखिया सुखविंद्र सिंह सुक्खू को आरोपों से घेरना चाहती है और साबित करना चाहती है कि प्रदेश में सरकार आपदा प्रभावितों के लिए कार्य नहीं कर रही। सीएम सुक्खू अपने कार्यों से उनका जवाब दे रहे है। आज रविवार के दिन भी सचिवालय में सक्रिय सीएम सुक्खू को मंडी में एक गर्भवती महिला के तत्काल उपचार की आवश्यकता का पता चला तो सीएम ने बिना देरी किए उक्त महिला को एयरलिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाने के आदेश दिए। अब तक केवल वीवीआईपी को ही ऐसी सुविधा मिलती थी लेकिन सुक्खू के व्यवस्था परिवर्तन में अब अब आम आदमी का हित सबसे आगे खड़ा दिखता है। पिछले कल भी मंडी से ही दो गर्भवती को एयरलिफ्ट किया गया था। आज भी ऐसे ही एक केस की जानकारी सीएम को मिली तो उन्होंने केवल एक महिला मरीज के लिए भी हेलीकॉप्टर का इंतजाम कर आम आदमी के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिजहिए। भारी तबाही के बीच सीएम सुक्खू ने एक के बाद एक व्यवस्था परिवर्तन के अपने फैसलों से आम हिमाचली के नायक मुख्यमंत्री के तौर पर स्थापित हुए हैं। सीएम ने आपदा राहत की राशि 10 हजार से एक लाख कर दी जबकि कई जगह लोगो को उनकी जगह का तबादला सरकारी जगह से करने की अनुमति भी दी।
मिली जनकारिणके अनुसार हिमाचल में हुई भारी तबाही के बीच राहत और पुनर्वास की सीएम सुक्खू खुद सुबह शाम मॉनिटरिंग कर रहे हैं। हालांकि अपने कार्यकाल के शुरू से सीएम अक्सर छुट्टी के दिनो मे भी सचिवालय में सक्रिय रहे हैं लेकिन आपदा के बाद तो न केवल सीएम बल्कि सभी उच्चाधिकारी भी सचिवालय में तलब रहते हैं। सरकारी छुट्टियों की व्यवस्था के अभ्यस्त अफसरों को भी नए दौर में हर समय मुस्तैद तो रहना ही पड़ रहा है लेकिन साथ ही अफसरों की जवाबदेही भी तय हुई है। अफसरशाही और एडमिंस्टार्शन पर इसी पकड़ के चलते सीएम सुक्खू की वर्ल्ड बैंक सहित केंद्रीय नीति आयोग ने भी खुले दिल से तारीफ की है। आश्चर्यजनक रूप से सीएम सुक्खू ने धुर विरोधी पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार को भी अपनी कार्यशैली का मुरीद कर दिया और पूर्व मुख्यमंत्री में राजनीति से ऊपर उठकर न केवल उनकी तारीफ की बल्कि पूरी भाजपा को सरकार का साथ देने की नसीहत भी से डाली।