Gaganyaan Mission First Pic देखी? अंतिम चरण में है मिशन की तैयारी, ISRO ने शेयर की कई तस्‍वीरें

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (Indian Space Research Organisation), यानी ISRO ने शनिवार, 7 सितंबर को मिशन गगनयान (Mission Gaganyaan) की एक झलक दिखाई. दिसंबर 2024 में मिशन गगनयान के ज़रिए एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष भेजा जाएगा. या यूं कहिए कि चंद्रमा और सूरज के बाद 2024 में अंतरिक्ष में होंगे हिन्दुस्तानी अंतरिक्ष यात्री! ISRO ने यह भी कहा कि जल्द ही वो मिशन के लिए अनमैन्ड फ़्लाइट टेस्ट्स करेंगे. ISRO ने ‘गगनयान’ से जुड़ी कुछ तस्वीरें शेयर की. इन तस्वीरों में गगनयान स्पेसक्राफ़्ट की झलक दिखी.

Gaganyaan Mission First Pic देखी?

ISRO ने लिखा, ‘मिशन गगनयान: ISRO जल्द ही गगनयान मिशन के लिए अनमैन्ड फ़्लाइट टेस्ट्स करेगा. फ़्लाइट टेस्ट व्हीकल अबॉर्ड मिशन-1 (TV-D1) की तैयारी चल रही है.’ इसरो द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक TV-D1 क्रू एस्केप सिस्टम की परफ़ॉर्मेंस को डेमोन्सट्रैट करता है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अक्टूबर 2023 के अंत तक क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग होगी.

अंतिम चरण में है ‘गगनयान मिशन’ की तैयारी

क्रू एस्केप का मतलब है कि मिशन के दौरान अगर अंतरिक्ष यात्रियों को कोई परेशानी हो तो रॉकेट में मौजूद इंसान सही-सलामत धरती तक पहुंच सकते हैं. इसरो की वेबसाइट पर मिली जानकारी के मुताबिक टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 के लिए क्रू मॉड्यूल का अनप्रेशराइज़्ड वर्ज़न बनाया गया है. इसकी इंटीग्रेशन और टेस्टिंग हो चुकी है, और ये लॉन्च कॉम्प्लेक्स तक जाने के लिए तैयार है. इस अनप्रेशराइज़्ड क्रू मॉडल वर्ज़न का आकार और भार एक्चुअल गगनयान क्रू मॉड्यूल के बराबर है. इसमें डिसलरेशन और रिकवरी के सारे सिस्टम्स हैं.

मिशन के लिए अबॉर्ट टेस्टिंग कैसे की जाएगी?

Mission GaganyaanTwitter

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनमैन्ड टेस्ट लॉन्च सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा से किया जाएगा. 17 किलोमीटर के एल्टीच्यूड पर क्रू मॉड्यूल अलग होगा. इसके बाद अबॉर्ट सिक्वेंस एक्ज़ीक्यूट किया जाएगा. मॉड्यूल का टचडाउन समंदर बंगाल की खाड़ी में टचडाउन के बाद भारतीय नौसेना की मदद से रिकवर किया जाएगा.

क्या है भारत का Gaganyaan Mission?

मिशन गगनयान के तहत 3 अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी के कक्ष से से 400 किलोमीटर ऊपर भेजा जाएगा. क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समंदर में लैंड करवाया जाएगा. अगर भारत का मिशन गगनयान सफ़ल हुआ तो ये उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा. अमेरिका, रूस और चीन ये उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी ने मिशन गगनयान की घोषणा की थी. 2022 का मिशन पूरा करने का लक्ष्य था लेकिन कोरोना के कारण मिशन में देरी हुई. दिसंबर 2024 या 2025 के शुरुआत में मिशन गगनयान लॉन्च किया जाएगा.

ISRO Spacefight ने 4 अक्टूबर को दुनिया को भारत के पहले दो एस्ट्रोनॉट्स की झलक दिखाई. ये दोनों इंसान पहले भारतीय होंगे जिन्हें भारत की धरती पर बने रॉकेट से स्पेस भेजा जाएगा.  इन दोनों के चेहरे और पहचान अभी गोपनीय रखे गए हैं.

The Times of India से बात-चीत के दोरान इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने इस बात के भी संकेत दिए कि गगनयान एस्ट्रोनॉट्स ISS मिशन के लिए भी चुने जा सकते हैं.

भारतीय एस्ट्रोनॉट्स सेलेक्शन प्रोसेस 60 IAF टेस्ट पायलट्स के साथ शुरू हुआ, 12 ने सफ़लतापूर्वक लेवल 1 क्लियर कर लिया. 2019 में चार एस्ट्रोनॉट्स को चुना गया. इन चारों ने रूस के गैगरीन रिसर्च ऐंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कड़ी ट्रेनिंग की है. बेंगलुरू में एक ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया है जहां एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग हो रही है.