पंजाब और चंडीगढ़ के लोगों को प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के पावन प्रकाश पर्व पर बधाई देते हुए पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी न केवल सिखों के प्रथम गुरु थे, बल्कि वे पूरी दुनिया के ‘गुरु’ भी थे। उन्होंने पूरी मानवता के कल्याण की कल्पना की और सम्पूर्ण मानवजाति को समान माना और कहा कि कोई भी जाति, धर्म, या वर्ग के आधार पर श्रेष्ठ नहीं है। श्री गुरु नानक देव जी ने महिला सशक्तिकरण और उनके सम्मान पर भी जोर दिया।
श्री गुरु नानक देव जी ने जीवन में ईश्वर की एकता का महत्व बताया। उनका कहना था कि ईश्वर एक है और वह सर्वव्यापी है, जो सभी के भीतर मौजूद है। उनकी क्रांतिकारी सामाजिक शिक्षाओं ने जाति व्यवस्था की निंदा की और सिखाया कि जाति या लिंग के बिना सभी समान हैं। सरबत दा भला (सभी का कल्याण) की उनकी विचारधारा और उनका संदेश पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक है, जो सभी सीमाओं से परे है।
आज जब हम प्रकृति के दोहन, पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति और प्रदूषण की बात करते हैं तो श्री गुरू नानक देव जी का ‘‘पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महत्त’’ का संदेश हमारे भविष्य के मार्गदर्शन का सिद्धांत बन जाता है, जिसका अर्थ है कि वायु गुरु के समान है, जल पिता के समान है, और पृथ्वी माता के समान है, और इन तीनों के माध्यम से जीवन को पोषित किया जाता है। हमें प्रकृति के इन महत्वपूर्ण तत्वों के प्रति आभार और सम्मान रखना चाहिए।
राज्यपाल ने लोगों से श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं का अनुसरण करने और मानवता की सेवा में नेकी के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्राप्त करने का आह्वान किया।