सरकार ने की ‘द हिमाचल स्कूल एडॉप्शन’ कार्यक्रम की शुरूआत, अब स्कूलों को गोद ले सकेंगे लोग
प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में सुधार लाने के उद्देश्य से ‘अपना विद्यालय: द हिमाचल स्कूल एडॉप्शन’ कार्यक्रम की शुरूआत की है। इसके तहत लोगों को राजकीय पाठशालाओं को गोद लेने का अवसर प्रदान किया जाएगा, जिससे वे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने में…
सांसदों, विधायकों व अधिकारियों को गोद लेना होगा एक सरकारी स्कूल
शिमला (ब्यूरो): प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में सुधार लाने के उद्देश्य से ‘अपना विद्यालय: द हिमाचल स्कूल एडॉप्शन’ कार्यक्रम की शुरूआत की है। इसके तहत लोगों को राजकीय पाठशालाओं को गोद लेने का अवसर प्रदान किया जाएगा, जिससे वे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने में अपना योगदान दे पाएंगे। प्रदेश से चुने गए लोकसभा एवं राज्यसभा सांसद, सभी विधायक, श्रेणी-1 व 2 के राजपत्रित अधिकारी, जैसे उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, वन मंडलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उपमंडलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारी व पुलिस उपाधीक्षकों को कम से कम एक स्कूल गोद लेकर उसका संरक्षक बनना होगा। ये संरक्षक अध्यापकों और स्कूल प्रबंधन समितियों को स्कूलों में वांछित सुधार के लिए सुझाव प्रस्तुत करेंगे। इसी प्रकार सचिवालय व निदेशालय में सेवाएं दे रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी, उपनिदेशक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के समन्वयक, प्रधानाचार्य, राज्य शिक्षा परिषद अनुसंधान और प्रशिक्षण और हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारी भी 1-1 स्कूल गोद लेंगे और इसके प्रतिपालक (मैंटर) होंगे।
शैक्षिक सहायता टीम और गैर-शैक्षिक सहायता टीमों का भी होगा गठन
इस दौरान राजकीय पाठशालाओं के लिए शैक्षिक सहायता टीम और गैर-शैक्षिक सहायता टीमों का भी गठन किया जाएगा। यह टीम बिना किसी वित्तीय या अन्य लाभ के सरकार का सहयोग करेगी।
‘अपना विद्यालय कार्यक्रम’ के लिए ऑनलाइन पोर्टल किया जाएगा विकसित
‘अपना विद्यालय कार्यक्रम’ के लिए समग्र शिक्षा अभियान द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा। यह पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध रहेगा, ताकि जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। इस कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण घटक ‘व्यवस्थित किशोर प्रबंधन एवं मूल्यवर्द्धन संवाद’ है, जिसके तहत विभिन्न विभाग मिलकर स्कूली छात्रों का व्यक्तिगत विकास व सशक्तिकरण करेंगे।