सोलन: किसानों के लिए मशरूम की खेती एक बेहतर विकल्प बन सकती है, क्योंकि इसमें अधिक जगह और संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती है। इसे घर के किसी भी कमरे से आसानी से शुरू किया जा सकता है।राष्ट्रीय खुम्ब अनुसंधान केंद्र किसानों को मशरूम की खेती से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां और मार्गदर्शन प्रदान करता है। इतना ही नहीं, खाद और बीज की सुविधा भी विभाग और इसके करीब 32 केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। इससे किसानों को बिना किसी परेशानी के खेती की शुरुआत करने में मदद मिलती है।मशरूम की खेती किसानों के लिए एक नया अवसर खोल सकती है, लेकिन इसके प्रति जागरूकता फैलाना जरूरी है। यदि किसान इस खेती को अपनाते हैं, तो वे अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकते हैं और आत्मनिर्भर बन सकते हैं। राष्ट्रीय खुम्ब अनुसंधान केंद्र किसानों को इस दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए तैयार है।
मशरूम की बढ़ती मांग और इसके स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए, राष्ट्रीय खुम्ब अनुसंधान केंद्र के निदेशक विपिन शर्मा ने किसानों को मशरूम की खेती अपनाने की सलाह दी है। मशरूम की खेती के लिए किसी बड़े खेत या खुली जगह की जरूरत नहीं होती, बल्कि इसे घर के एक छोटे से कमरे में भी शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा, इस खेती पर मौसम का भी कोई खास असर नहीं पड़ता, जिससे यह एक स्थायी और लाभकारी व्यवसाय बन जाता है। मशरूम की मांग बाजार में लगातार बढ़ रही है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स प्रचुर मात्रा में होते हैं, जिससे यह एक पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ बन जाता है।
बाइट राष्ट्रीय खुम्ब अनुसंधान केंद्र के निदेशक विपिन शर्मा