आखिर हाथी के नीचे से क्यों निकलते है लोग क्या है उनकी आस्था
सोलन में खाटू श्याम की शोभा यात्रा निकाली गई। इस शोभा यात्रा में गजराज जिसका नाम पवन कुमार मिश्रा है वह विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। यह हाथी विशेष तौर पर लुधियाना से बुलाया गया। इस हाथी पवन कुमार मिश्रा के साथ ग्यारह साधू आते है जो इस हाथी की दिन रात सेवा करते है। सेवा में जुटे साधु विवेक कुमार ने बताया कि गजराज को हिमाचल का मौसम बहुत भाता है और यहाँ उसे अच्छी नीदं भी आती है। वहीँ उन्होंने बताया कि गजराज रोज़ करीबन10 किलो आटे की रोटियां खाता है। जिसे सभी मिल कर बनाते है। उन्होंने बताया कि जगराज को पीपल की पत्तियां और गन्ना बेहद पसंद है।
साधु विवेक कुमार ने बताया कि पूजा में सबसे पहले गणेश को पूजा जाता है जिसके चलते गजराज को भी बेहद पवित्र और शुभ माना जाता है। अगर हाथी के नीचे से निकलो तो ऐसा कहा जाता है कि सभी दुःख और विपदाएं खत्म हो जाती है। उन्होंने बताया कि हाथी के पाँव की मिटटी को भी बेहद पवित्र माना जाता है। इस मिटटी को विभिन्न धार्मिक आयोजनों में इस्तेमाल किया जाता है। पैर की मिट्टी से अगर नहाता है तो उसकी कई समस्याएं हल हो जाती है।