सोलन। जिले में चल रहे दो माह के ‘फ्री यूथ कैंपेन’ का आज समापन हो गया। सोलन अस्पताल में तैनात मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय पाठक ने अभियान के परिणाम साझा करते हुए बताया कि इसका मकसद युवा पीढ़ी को तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाना और यह समझाना था कि तंबाकू नशे की दुनिया का पहला दरवाजा है। अभियान के दौरान जिले के 1096 स्कूलों में से 771 स्कूलों को तंबाकू मुक्त घोषित किया गया। इसके साथ 43 गांवों को भी पूरी तरह तंबाकू मुक्त बनाया गया। जिला और ब्लॉक स्तर पर गठित फ्लाइंग स्क्वॉड ने कुल 68 एनफोर्समेंट ड्राइव चलाकर नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की।
डॉ. पाठक ने निकोटीन को “एक बड़ा छलावा” बताते हुए कहा कि यह शुरुआत में अच्छा लगता है, लेकिन धीरे-धीरे शरीर इसकी गिरफ्त में चला जाता है, जिससे व्यक्ति सामान्य महसूस करने के लिए भी धूम्रपान का सहारा लेने लगता है। उन्होंने चेतावनी दी कि धूम्रपान हार्ट अटैक, लकवा, कैंसर, गैंग्रीन और COPD जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के दौरान 927 चालान किए गए। इनमें सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान, खुली सिगरेट की बिक्री और बिना चेतावनी वाली इंपोर्टेड सिगरेट बेचने जैसे मामलों पर जुर्माना लगाया गया। विभाग ने कुल ₹1,00,700 राशि वसूली है। उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए उन्होंने कहा—“यदि सिगरेट नहीं छोड़ सकते तो कम से कम बच्चों के सामने न पिएं, क्योंकि बच्चे वही सीखते हैं जो बड़े करते हैं
सोलन में ‘फ्री यूथ कैंपेन’ का समापन: 771 स्कूल तंबाकू मुक्त, ₹1 लाख से अधिक जुर्माना वसूला