फ्लाइंग फेस्टिवल से पर्यटन के मानचित्र पर उभरेगा जुन्गा

राजधानी से सटे रियासतकालीन शहर जुन्गा में होने वाले फ्लाइंग फेस्टिवल का मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू आगामी 12 अक्तूबर को शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और अध्यक्ष हिप्र पर्यटन विकास निगम एवं उपाध्यक्ष हिप्र पर्यटन विकास बोर्ड रघुवीर सिंह बाली बतौर विशेष अतिथि के रूप में शिरकत करेगें।

द ग्लाईड इन जुन्गा में पैराग्लाइडिंग का दृश्य

बता दें कि फ्लाइंग फेस्टिवल का आयोजन जुन्गा के द ग्लाईड इन में किया जा रहा है, जहां पर बीते तीन वर्षों से पैराग्लाइडिंग का आन्नद लेने के लिए देश विदेश से पायलट आ रहे हैं। गौर रहे कि बीड़ बिलिग की भांति जुन्गा की कवाण घाटी पैराग्लाइडिंग के लिए सबसे उपयुक्त स्थल माना जा रहा है। इस उत्सव का आयोजन जिला प्रशासन और पर्यटन एंव नागरिक उडडयन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।

तहसीलदार जुन्गा रविन्द्र सिसोदिया और द ग्लाईड इन के प्रबंध निदेशक अरूण रावत ने बताया कि फ्लाइंग फेस्टिवल के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। उन्होने बताया कि यह फ्लाइंग फेस्टिवल 12 से 15 अक्तूबर तक चलेगा, जिसमें देश विदेश से काफी मात्रा में पैराग्लाईडर आकर जुन्गा की सुरम्य घाटी में उड़ान भरकर लोगों को रोमाचित करेगें। यह प्रतियोगिता एक्यूरेसी पर आधारित रहेगी, जो जुन्गा में पहली दफा आयोजित की जा रही है। फेस्टिवल में पैराग्लाइडिंग की सोलो एवं टेंडम फ्लाइट चलेंगी।

उन्होंने बताया कि इस फ्लाइंग फेस्टिवल में सुरक्षा के व्यापक प्रबंधक किए गए है। फ्लाइंग फेस्टिवल के दौरान भाषा एवं संस्कृति विभाग के सांस्कृतिक दलों की प्रस्तुतियां, स्वयं सहायता समूहों की प्रदर्शनी एवं फूड स्टॉल भी स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए हिमाचली धाम की भी व्यवस्था रहेगी। फेस्टिवल के दौरान एक स्मारिका का विमोचन भी किया जाएगा।

स्थानीय निवासी पंकज सेन, दीपक कुमार सहित अनेक लोगों ने बताया कि जुन्गा एक रियासत कालीन राजधानी रही है परंतु आजतक किसी भी सरकार ने इस ऐतिहासिक स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए है। जुन्गा में पहली बार फ्लाईग फेस्टिवल होने जा रहा है, जिससे उम्मीद की जाती है कि जुन्गा भी पर्यटन के मानचित्र पर अपनी एक अलग पहचान बनेगी ।

बता दें रियासतकालीन शहर में बहुत कम चहल पहल देखने को मिलती है। छोटा सा बाजार है अभी तक पर्यटकों के ठहरने इत्यादि के लिए कोई अच्छे होटल रेस्तरा नहीं है। जुन्गा तहसील के लोग केवल सरकारी कार्य से यहां आते हैं। जुन्गा में काफी पुरानी फोरेंसिक लैब के अतिरिक्त प्रथम पुलिस बटालियन का मुख्यालय है, परंतु आजतक जुन्गा का नगर पंचायत का दर्जा प्रदान नहीं किया गया है।

जुन्गा के आसपास अनेक दर्शनीय स्थल है जिसमें जुन्गा रियासत के नए और पुराने महल के अतिरिक्त पुजारली में देवता जुन्गा प्राचीन मूल मंदिर है। इसके आसपास कई खूबसूरत मंदिर हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी आध्यात्मिक कहानी है। शहर से थोड़ी दुरी पर एक बौद्ध मठ, शिव पत्थर मंदिर, पथरी माता मंदिर, पुराना तारा देवी मंदिर और प्रसिद्ध साईं मंदिर भी है, जोकि आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट को पूर्ण करते हैं।