बाप ने 2 लाख रुपए कर्ज लेकर पढ़ाया, बेटे ने सिविल सर्विसेज में किया टॉप, प्रेरित करने वाली है कहानी

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अगर आप में कुछ करने का हौसला और जज्बा हो, तो तमाम मुश्किलों के बावजूद आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता. जिसे सच कर दिखाया है मध्य प्रदेश के राजीव दैपुरिया ने, जिन्होंने सिविल सर्विसेज में टॉप किया है. उन्होंने UPSC-ESE (AIR-1) हासिल की. हालांकि, इसके लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया.

दरअसल, भिंड जिले में बीहड़ी इलाके के सपाढ़ गांव में रहने वाले राजीव दैपुरिया उन लोगों के लिए के लिए मिसाल बन गए हैं, जो मुश्किल आने पर अपने लक्ष्य से पीछे हट जाते हैं. आर्थिक तंगी के बावजूद राजीव ने हिम्मत नहीं हारी. वो मेहनत के साथ पढ़ते रहे.

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उन्होंने शुरूआती पढ़ाई भिंड से पूरी की. आगे इंजीनियरिंग सर्विसेज की तैयारी के लिए कोचिंग करने में असमर्थ थे. ऐसे में उन्होंने ऑनलाइन मटेरियल निकालकर पढ़ाई की. खर्च पूरा करने के लिए नौकरी भी की. नौकरी के साथ पढ़ाई करना मुश्किल था. लेकिन, राजीव ने दोनों के बीच बैलेंस बनाए रखा और साथ में हिम्मत भी.

पिता ने बेटे की पढ़ाई के लिए 2 लाख रुपए कर्ज लिए

राजीव के पिता रघुराज देपुरिया न्यूज 18 से बातचीत के दौरान बताते हैं कि उन्होंने बेटे को पढ़ाने के लिए 2 लाख रुपए तक कर्ज लिए थे. बेटे को किताबें देने के लिए बिहार तक गए. आर्थिक स्थिति ख़राब होने की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्हें खुशी है कि बेटे ने सफलता हासिल कर ली है.

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राजीव के पिता का कहना है कि सरकार लोगों को मुफ्त राशन बांट रही है. राशन के बजाए अगर बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाए, तो हर जाति और वर्ग के बच्चे शिक्षित होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं. फिर सरकार को किसी को भी मुफ्त राशन बांटने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

वहीं राजीव का कहना है कि संसाधनों की कमी आपको आपका लक्ष्य पाने से नहीं रोक सकती है, बस आपके पास जज्बा होना चाहिए. राजीव ने तमाम मुसीबतों का डट कर मुकाबला करते हुए इंजीनियरिंग सर्विसेज में प्रथम स्थान हासिल कर परिवार का नाम रोशन कर दिया है.