बारिश की कमी के कारण सोलन के किसान हमेशा पानी की किल्ल्त से जूझते रहते है। सोलन के आस पास ज़्याद नदी नाले भी नहीं है। इस लिए सोलन का किसान केवल बारिश पर ही निर्भर होता है। फसल की बिजाई से लेकर फसल तैयार होने तक वह केवल आसमान को देखता रहता है। कुल मिला कर सोलन के किसानों को पानी की किल्ल्त से हमेशा जूझना पड़ता है। जिसकी वजह से फसल बेहद प्रभावित होती है। लेकिन इस समस्या का हल उद्यान विभाग ने काफी हद तक निकाल लिया है। उनके अनुसार ड्रिप इरिगेशन से कम पानी में भी किसान अपनी फसल से बेहतर पैदावार ले सकते है। यह दावा उद्यान विभाग की उप निदेशक शिवाली ठाकुर ने किया।
उप निदेशक शिवाली ठाकुर ने बताया कि पानी की कमी के चलते अगर किसान ड्रिप इरिगेशन पद्धति को अपना लेता है तो वह कम पानी में भी लहलहाती फसल ले सकता है। क्योंकि इस विधि में पानी बेहद कम लगता है और पानी का सदुपयोग होता है। उन्होंने कहा कि इस विधि के प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा उन किसानों को 80 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जा रही है जिन किसानों के पास करीबन 25 बीघा ज़मीन है। उन्होंने बताया कि किसान इस योजना का बेहद लाभ उठा रहे है। विभाग चाहता है कि और किसान भी इसका लाभ उठा कर कृषि क्षेत्र में लाभ कमाएं।