की जन्म एवं तपोभूमि मारकण्ड में बैसाखी पर्व के अवसर पर बड़ी संख्या में दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान
मान्यता के अनुसार मानसिक व चर्म रोगों से मारकण्ड में स्नान करने से मिलती है मुक्ति
इसी स्थल पर धर्म शास्त्रों के अनुसार ऋषि मारकंडेश्वर का हुआ था जन्म बाल्यकाल में ही उन्होंने शिव का घोर तप कर यमराज को हराकर मृत्यु पर पाई थी विजय प्राचीन काल से ही बैसाखी पर्व के दिन
उत्तर प्रदेश पंजाब हरियाणा दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से बैसाखी पर्व के अवसर पर श्रद्धालु पहुंचते हैं पवित्र स्नान के प्रति l
उत्तरी भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ऋषि मार्कंडेय
की जन्म एवं तपोभूमि मारकण्ड में बैसाखी पर्व के अवसर पर प्राकृतिक जल स्रोत स्नानागार के बाहर स्नान के लिए उमड़ी भीड़ के दृश्य मारकंडेश्वर ऋषि के दर्शन करने के प्रति उमड़ी वीर के दृश्य l
उत्तरी भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ऋषि मार्कंडेय
की जन्म एवं तपोभूमि मारकण्ड में बैसाखी पर्व के अवसर पर बड़ी संख्या में दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया l प्राचीन
मान्यता के अनुसार मानसिक व चर्म रोगों से मारकण्ड में स्नान करने से मुक्ति मिलती है l
इसी स्थल पर धर्म शास्त्रों के अनुसार ऋषि मारकंडेश्वर का हुआ जन्म था l बाल्यकाल में ही उन्होंने शिव का घोर तप कर यमराज को हराकर मृत्यु पर विजय पाई थी l प्राचीन काल से ही बैसाखी पर्व के दिन
उत्तर प्रदेश पंजाब हरियाणा दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से बैसाखी पर्व के अवसर पर श्रद्धालु पवित्र स्नान के प्रति पहुंचते हैं l आज भारी संख्या में दोनों से आए सुधार लोगों ने ऋषि मारकण्ड के दर्शन कर शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया l शासन प्रशासन की ओर से यहां पर श्रद्धालुओं के प्रति विभिन्न सुविधाओं का प्रबंध किया गया है l समाजसेवी संस्थाओं ने यहां पर लंगर की व्यवस्था की है l ऋषि मारकण्ड के दर्शन और शुभ आशीर्वाद प्राप्त करने के उपरान्त श्रद्धालु लंगर में प्रसाद रूप में भोजन ग्रहण करते हैं l यहां पर प्राकृतिक जल स्रोत हैं l जिन से झरने की तरह पानी बड़ी मात्रा में बहता रहता है l श्रद्धालु स्नान करने के उपरांत पवित्र जल को भी बोतल व प्लास्टिक के बर्तनों में भरकर साथ ले जाते हैं l मारकण्ड धार्मिक स्थल के परिसर में मेला भी लगा हुआ है जिसमें विभिन्न प्रकार की दुकान सजी हुई हैं l यहां पर बैसाखी पर्व के दिन स्नान करना बहुत पवित्र एवं शुभ माना जाता है l