अर्की में फर्जी खुफिया पुलिस का पर्दाफाश, दुकानदार को लूटने व ठगने की लिखी थी पटकथा

खुफिया पुलिस की टीम बनकर लूटपाट व एक लाख रुपए की नकदी ऐंठने वालों को अर्की पुलिस ने सही ठिकाने पर पहुंचाने में सफलता हासिल की है। घटना अर्की उपमंडल की है। 6 सितंबर को कुछ लोग अर्की में सुरेंद्र कुमार की दुकान पर पहुंचते हैं। दुकान में काम करने वाले कर्मचारी को अपना परिचय खुफिया पुलिस विभाग का देते हैं। साथ ही दुकान में मौजूद नकदी को भी कब्जे में लेते हैं।

दुकान के कर्मचारी मस्तराम ने मालिक सुरेंद्र को फोन करवाया जाता है। जैसे ही सुरेंद्र दुकान में पहुंचता है तो उसके साथ मारपीट शुरू कर दी जाती है। धमकाकर काले रंग की गाड़ी में उसे जबरन ही कांगरीधार ले जाया जाता है। यहां पहुंचकर आरोपियों द्वारा दुकानदार से पैसे की मांग की जाती है। पैसा न देने पर जान से मारने की धमकी भी दी जाती है। एक आरोपी द्वारा अगले दिन पैसे के इंतजाम के लिए फोन किया जाता है।

7 सितंबर को सुरेंद्र कुमार द्वारा मांग के मुताबिक एक लाख रुपए दे दिए गए। साथ ही सुरेंद्र को ये भी धमकी दी गई कि यदि किसी को बताया तो झूठे केस में फंसा देंगे। अर्की पुलिस ने भी सूचना मिलने के बाद मामला दर्ज किया। साथ ही चारों आरोपियों को धर दबोचा। चार में से एक आरोपी नाबालिग है। नाबालिग आरोपी को कानूनी प्रावधानों के मुताबिक परिवार को सुपुर्द किया गया।

आरोपियों की पहचान अर्की तहसील के ही रहने वाले 43 वर्षीय हेमचंद पुत्र गौरिया राम, 25 वर्षीय मोहित शर्मा पुत्र वीरेंद्र कुमार व 40 वर्षीय अशोक कुमार पुत्र राम चंद के तौर पर की गई है। पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने पुष्टि की हैै।