एम्पावर हर वेलनेस: शूलिनी विवि ने महिलाओं के पोषण पर जागरूकता वार्ता आयोजित

शूलिनी यूनिवर्सिटी ने महिलाओं के स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती में पोषण के महत्व को उजागर करने के लिए ‘एम्पावर हर वेलनेस बाय न्यूट्रिशन’ पर एक ज्ञानवर्धक वार्ता का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में महिला संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और छात्राओं ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य जीवनशैली से संबंधित बीमारियों को रोकने और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में संतुलित पोषण की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करना था।
कुलाधिपति शूलिनी विवि  प्रोफेसर पीके खोसला ने सत्र का उद्घाटन किया, जिसमें भारत में प्राचीन काल से एक स्वस्थ समाज को आकार देने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। मुख्य वक्ता, डॉ. ममता, सहायक प्रोफेसर, बायोइंजीनियरिंग और खाद्य प्रौद्योगिकी संकाय शूलिनी यूनिवर्सिटी ने महिलाओं के आहार में मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के महत्व पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने किशोरावस्था से लेकर रजोनिवृत्ति तक जीवन के विभिन्न चरणों में महिलाओं की बदलती आहार संबंधी ज़रूरतों पर भी चर्चा की और समग्र स्वास्थ्य के लिए हाइड्रेशन और शारीरिक गतिविधि के महत्व पर ज़ोर दिया।
इस बातचीत में आहार और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध पर भी चर्चा की गई, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे उचित पोषण तनाव और चिंता को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। यह सत्र अत्यधिक संवादात्मक था, जिसमें उपस्थित लोगों ने आहार संबंधी सिफारिशों, पूरक आहार और जीवनशैली में बदलाव के बारे में विशेषज्ञ सलाह मांगी।  संधारणीयता निदेशक श्रीमती पूनम नंदा ने महिलाओं के स्वास्थ्य में पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार साझा किए, तथा उपस्थित लोगों से सचेत आहार विकल्प चुनने का आग्रह किया। कार्यक्रम का समापन एसोसिएट डीन छात्र कल्याण डॉ. नीरज गंडोत्रा ​​के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने में वक्ता के बहुमूल्य योगदान की सराहना की।

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