क्योंथल रियासत का प्राचीन एवं जिला स्तरीय दशहरा मेला इस वर्ष आगामी 24 से 26 अक्तूबर तक जुन्गा के ऐतिहासिक मैदान में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। लंका दहन के अतिरिक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम और कुश्ती मेले का मुख्य आकर्षण होगा। यह जानकारी तहसीलदार जुन्गा रविंद्र सिसोदिया ने मेले के आयोजन को लेकर शनिवार को आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
बता दें जिला स्तरीय मेला घोषित होने के उपरांत इसे बीते वर्ष से तीन दिवसीय मेले के रूप में मनाया जाने लगा है। इस मेले का इतिहास तत्कालीन क्योंथल रियासत से जुड़ा है । परंपरा के अनुसार राजमहल जुन्गा से रघुंनाथ अर्थात ठाकुर जी की छड़ी ढोल नगाड़ों के साथ निकाली जाती है जिसका मेला मैदान में स्थानीय लोगों द्वारा स्वागत किया जाता है। परंपरा के अनुसार क्योंथल रियासत के शासक ही रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन करते हैं। उसके उपरांत रघुनाथ की पालकी को वापस राजमहल ले जाया जाता है।
इस वर्ष 24 अक्तूबर को परंपरा के अनुसार दशहरा का शुभारंभ होगा तथा सांय को रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाएगा। इसी प्रकार 25 अक्तूबर को मेला समिति द्वारा स्टार नाईट का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश से मशहूर कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा, ताकि मेले में आए लोगों का भरपूर मनोरंजन हो सके।/
इसी दिन मेले में महिलाओं की रस्साकस्सी प्रतियोगिता भी करवाई जाएगी। जबकि 26 अक्तूबर को विशाल दंगल का आयोजन किया जाएगा जिसमें उत्तरी भारत के नामी पहलवान अपने जौहर दिखाएंगे। बैठक में जुन्गा तहसील की विभिन्न पंचायतों के प्रधान सहित मेला समिति के अन्य सदस्यों ने भाग लिया।