वो अपने घर पर घंटों अकेले एक खेल खेला करते थे. ये खेल था एक छोटी सी गोल्फ गेंद को एक स्टंप के सहारे मारते रहना. वो गेंद को स्टंप से मारते और गेंद सामने की दीवार से टकरा कर वापस लौट आती. सुनने या देखने में ये आसान लगता है मगर पतले से स्टंप द्वारा घंटों तक लगातार छोटी सी गोल्फ गेंद को हिट करना उतना ही मुश्किल है, जितना आंख पर पट्टी बांध कर सही निशाना लगाना.
ऐसा करते हुए वो सोचते थे कि वो क्रिकेट ग्राउंड में किसी मैच के बीच बैटिंग कर रहे हैं और सामने ऐसा बॉलर है, जो ना जाने कब कैसी और कितनी स्पीड से बोल डाल दे. दीवार से वो छोटी गेंद भी ऐसे ही स्पीड से लौटती थी. इससे उनकी बल्लेबाज़ी में निखार आता था. जानते हैं ये क्रिकेट खिलाड़ी कौन थे? ये थे सर डोनाल्ड ब्रेडमैन. जिन्हें लोग दा डॉन, दा बॉय फ्रॉम बोवरल, ब्रेडल्स और दावाइट हेडली के नाम से जानते हैं. जिस तरह से उन्होंने क्रिकेट जगत पर अपना दबदबा कायम रखा, उस आधार पर उन्हें क्रिकेट का ‘भीष्म पितामाह’ कहना कतई ग़लत नहीं होगा.
जब मात्र 22 गेंदों में ब्रेडमैन ने जड़ दिया था शतक
जो लोग क्रिकेट में थोड़ी भी रुचि रखते हैं उनसे ये सवाल पूछना किसी मज़ाक से कम नहीं होगा कि ‘क्या आप डॉन ब्रेडमैन को जानते हैं? भले उनके बारे में कुछ लोग हों जो ज़्यादा ना जानते हों लेकिन शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने उनका नाम नहीं सुना हो. सर ब्रेडमैन का जन्म 27 अगस्त 1908 को ऑस्ट्रेलिया के साउथ वेल्स में हुआ था मगर उनका बचपन बीता बोवरल में इसीलिए उन्हें बॉय फ्रॉम बोवरल कहा जाता था.
उन्होंने 1928 में अपना क्रिकेट करियर शुरू किया और 1948 में अपनी आख़िरी पारी खेली. 16 दिसंबर 1927 को 19 साल के डॉन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपना पहला मैच खेला था. कौन जानता था कि अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच की पहली पारी में 18 और दूसरी में मात्र 1 रन बनाने वाला खिलाड़ी अपने क्रिकेट करियर में ऐसे ऐसे रिकॉर्ड बनाएगा जिन्हें तोड़ना लोहे के चने चबाने जैसा होगा. जी हां इनके बनाए कई रिकार्ड आज तक नहीं टूटे.
डॉन ने मात्र तीन ओवर की 22 गेंदों में शतक जड़ दिया था. अब आप सोचेंगे कि 3 ओवर में तो 18 ही गेंदें होती हैं, लेकिन जान लीजिए कि तब एक ओवर 8 गेंदों का होता था. ये 1931 में खेला गया एक घरेलू मैच था, जहां मुकाबला था ब्लैकहीथ इलेवन और लिथगो इलेवन के बीच. ब्लैकहीथ की तरफ से ब्रेडमैन और ऑस्कर बेल बल्लेबाजी करने उतरे. ब्रेडमैन गेंदबाजों के लिए सच में किसी डॉन से कम नहीं थे.
आउट करना तो दूर की बात, गेंदबाज़ तो ये सोचता था कि उसे रन ना पड़ें बस. ये वो दौर था जब ब्रेडमैन की फॉर्म और हौसला दोनों बुलंदियों पर थे. ब्रेडमैन ने इस मैच में 256 रन जड़े थे. जिसमें 14 छक्के और 29 चौके शामिल थे. इस मुकाबले में जो सबसे चौंकाने वाला रिकार्ड बना वो ये कि ब्रेडमैन ने महज़ तीन ओवर की 22 गेंदों में शतक जड़ दिया था. पहले ओवर में डॉन ने 6, 6, 4, 2, 4, 4, 6, 1 के साथ 33 रन जोड़े. दूसरे ओवर में 6, 4, 4, 6, 6, 4, 6, 4 के साथ 40 रन और तीसरे ओवर में 1, 6, 6, 1, 1, 4, 4, 6 की मदद से 27 रन आए जिसमें से दो रन वेंडल बेल ने बनाए थे. आपको ये जान कर हैरानी होगी कि इस मैच में ब्रेडमैन ने मात्र 18 मिनट में शतक जड़ दिया था. ये मुकाबला कंक्रीट की पिच पर खेला गया था.
ब्रेडमैन को एवरेज किंग कहना ग़लत नहीं होगा
ब्रेडमैन को अगर एवरेज किंग कहा जाए तो कहीं से गलत नहीं होगा. अंतरराष्ट्रीय हो या फिर फर्स्ट क्लास हर जगह इनकी ही बादशाहत है. डॉन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 52 टेस्ट मैच खेले जहां उन्होंने 99.94 के औसत से कुल 6,996 रन बनाए थे। उनके नाम 29 शतक थे. वो औसतन हर तीसरी पारी में एक शतक लगाते थे। वहीं फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डॉन ने 234 मैचों में 95.14 की औसत से 28,067 रन बनाए थे. जिसमें 117 शतक शामिल हैं.
इंटरनेशनल क्रिकेट में ब्रैडमैन ने सर्वाधिक 334 रन की पारी खेली है और फर्स्ट क्लास में 452 रनों की. दोनों श्रेणियों में डॉन का औसत सबसे ज़्यादा है, आज तक कोई इसके आसपास भी नहीं जा पाया. डॉन एक अविश्वसनीय रिकार्ड बनाने से महज़ 4 रन पीछे रह गये. अगर वो चार रन बना लेते तो उनकी औसत पूरे 100 की होती. ये मैच उनका आख़िरी मैच था.
टेस्ट इतिहास का ये महानतम बल्लेबाज 14 अगस्त 1948 को ओवल के मैदान पर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एशेज़ सीरीज़ का अपना आखिरी टेस्ट खेलने उतरा. उस दिन सर ब्रेडमैन वो इतिहास रच सकते थे जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. हर किसी को विश्वास था कि आज वो इतिहास रच कर ही मैदान से लौटेंगे. लेग स्पिनर एरिक होलिस बॉल फेंकने वाले थे. पहली गेंद डॉट गयी. हर तीसरी पारी में शतक लगाने का दम रखने वाले इस बल्लेबाज के लिए 4 रन कौन सी बड़ी बात थी.
मगर कहते हैं ना नियति ने पहले ही सब तय कर रखा होता है. फास्ट बॉलर तक की हवा टाइट कर देने वाले डॉन को दूसरी गेंद पर एरिक ने बोल्ड कर दिया. यहीं पर उनका इतिहास रचने का सपना टूट गया. भले ही ब्रेडमैन इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 का औसत हासिल करने से चूक गए, लेकिन शेफील्ड शील्ड में उनका औसत 100 के पार है. शेफील्ड शील्ड की 96 पारियों में उनका औसत 110.19 है.
ब्रेडमैन के वो रिकार्ड, जो आज तक नहीं टूटे
सर डॉन ब्रेडमैन का कोई एक रिकार्ड नहीं है जिसके लिए उन्हें याद किया जाए, बल्कि उन्होंने तो ऐसे कई रिकार्ड बनाए हैं जिसे आज तक नहीं तोड़ा जा सका. डॉन के नाम 5 मैचों की एक टेस्ट सीरिज़ में सबसे ज़्यादा 974 रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है, जिसे आजतक कोई नहीं तोड़ पाया है. इसके अलावा ब्रेडमैन एक ही दिन में तिहरा शतक (309) बनाने वाले इकलौते बल्लेबाज हैं. ब्रेडमैन ने अपने टेस्ट करियर में 12 दोहरे शतक लगाए.
आपको ये बात जान कर शायद हैरानी हो कि 99.94 की औसत से ढेरों रन और इतने शतक, दोहरे शतक बनाने वाले ब्रेडमैन ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में केवल 6 छक्के ही लगाए हैं. वहीं इनके द्वारा लगाए गये चौकों की संख्या 681 है. ब्रेडमैन द्वारा लगाए गए 12 दोहरे शतकों का रिकार्ड आज भी कायम है. कोई अन्य खिलाड़ी इस रिकार्ड को तोड़ नहीं पाया. कुमार संगरकार इस रिकार्ड के सबसे नज़दीक पहुंचे थे.उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 11 दोहरे शतक जड़े हैं. वहीं विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर ने 6-6 दोहरे शतक लगाए हैं.
डॉन ब्रेडमैन की प्रसिद्धि का स्तर कितना ऊंचा है ये जानने के लिए आपको उनसे जुड़ी कुछ बातें जान लेनी चाहिए. 24 फरवरी 1944 को इटली के माउंट कैसिनो पर हमला होना था. जानते हैं इसके लिए सिगनल क्या रखा गया था? सिग्नल था ब्रेडमैन कल बैटिंग करेगा. लेकिन फिर मौसम खराब हो गया और हमला स्थगित कर दिया गया.
फिर से कोड भेजा गया ब्रेडमैन बैटिंग नहीं करेगा. नेल्सन मंडेला जब 27 साल की सज़ा काट कर जेल से बाहर आए तो उनका पहला सवाल था “क्या डॉन ब्रेडमैन अभी भी ज़िंदा हैं ?” भारत में काठियावाड़ और महाराष्ट्र के बीच एक रणजी मैच चल रहा था. इस मैच में काठियावाड़ की टीम बीच में ही मैच छोड़ कर अपने घर लौट गई. उनके ऐसा करने कारण थे महाराष्ट्र के एक बल्लेबाज भाऊसाहेब निम्बाल्कर. दरअसल निम्बाल्कर ने अपनी एक पारी में 443 रन बना लिए थे. काठियावाड़ टीम को लगा कि 452 रन बना कर वह सर डॉन का रिकार्ड तोड़ देंगे इसलिए उन्होंने हार मान ली. बाद में डॉन ने व्यक्तिगत रूप से निम्बाल्कर को एक नोट लिख पर भेजा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि निम्बाल्कर की पारी उनसे बेहतर थी. आस्ट्रेलियन ब्रोडकास्टिंग कॉरपोरेशन द्वारा आस्ट्रेलिया के हर कैपिटल शहर का पोस्टल कोड 9994 रखा गया है. ये एक तरह से सर ब्रेडमैन को दी गई श्रद्धांजलि है. ये नंबर उनकी औसत 99.94 पर दिया गया है.
मौत से कई सालों पहले उड़ी थी मौत की खबर
आस्ट्रेलिया के एक अखबार कूकटाउन इंडिपैंडेंट के हिसाब से सर डॉन ब्रेडमैन 1931 में ही चल बसे थे. 9 दिसंबर 1931 को इस अखबार ने एक स्टोरी छापी थी जिसमें लिखा था कि महान बल्लेबाज डॉन ब्रेडमैन का पेचिस के कारण निधन हो गया. उन दिनों ब्रेडमैन सच में पेचिस से परेशान थे लेकिन उनका इलाज हुआ और वो ठीक हो गये तथा इसके बाद कई साल तक क्रिकेट खेलते रहे. डॉन के हिसाब से उनकी सबसे लंबी पार्टनशिप चली उनकी बीवी जेसी मेनजिस के साथ. जेसी और डॉन बोवरल पब्लिक स्कूल से एक दूसरे को जानते थे. दोनों ने शादी की और आखिर तक साथ रहे. सितंबर 1997 में जेसी का निधन हो गया.
आखिरकार 25 फरवरी 2001 को क्रिकेट के इस सबसे चमकीले सितारे ने दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकी इच्छा के मुताबिक 2008 में उनके पसंदीदा एडीलेड मैदान में एक संग्रहालय खोला गया. भीतर पैर रखते ही ये संग्रहालय आपको इतिहास में खींच ले जाता है, क्योंकि यहां सिर्फ वो सामान हैं जिसे ब्रेडमैन 1927 से 1977 तक इस्तेमाल करते थे. भले ही आज वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके बनाए हुए रिकार्ड हमेशा उन्हें क्रिकेट प्रेमियों के मन में ज़िंदा रखेंगे.