Pitru Paksha Ekadashi 2023 Upay आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। पितृपक्ष में आने वाली इस एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन ज्योतिष के कुछ उपाय करने से पितर प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है। आइए जानते हैं इंदिरा एकादशी के दिन किए जाने वाले इन उपायों के बारे में…
एकादशी के इस उपाय से मनोकामना होगी पूरी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृपक्ष की इंदिरा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की जड़ को दूध से सीचें और सरसों के तेल का दीपक जाएं। फिर पांच तरह की मिठाई अर्पित करें और वृक्ष के नीचे ही विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इसके बाद 11 बार परिक्रमा करें और अपनी मन की मनोकामना के बारे में अवगत कराएं। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और भगवान विष्णु की कृपा से अटके कार्य पूरे होते हैं।
एकादशी के इस उपाय से पितर देंगे आशीर्वाद
इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व है और इस दिन पूरे मन से व्रत रखकर पितरों के नाम का दान, तर्पण और ब्राह्मण भोज कराएं और शाम के समय दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे खुश होकर परिजनों का आशीर्वाद देते हैं। साथ ही पितृ दोष भी दूर होता है।
एकादशी के इस उपाय से पितरों को होगी मोक्ष की प्राप्ति
कष्टों से मुक्ति के लिए इंदिरा एकादशी के दिन व्रत रखकर सुबह शाम तुलसी की माला से ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जप करें। साथ ही भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें और भोग लगाते समय तुलसी पत्ता डालकर नैवेद्य अर्पित करें। ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
एकादशी के इस उपाय से सभी संकट होंगे दूर
पितृपक्ष की एकादशी के दिन तुलसी पूजा अवश्य करनी चाहिए। पितरों को याद करते हुए 11 घी के दीपक से तुलसी पूजा करें। इसके बाद तुलसी के पास बैठकर ही इंदिरा एकादशी की व्रत कथा सुनें या पढ़ें। इसके बाद शाम के समय घर के मेन गेट के दोनों ओर दीपक रखें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और हर प्रकार का संकट टल जाता है।
एकादशी के इस उपाय से होगी उन्नति
इंदिरा एकादशी के दिन शालिग्राम भगवान की पूजा करने के बाद पांच लोगों के लिए भोजन अवश्य निकालना चाहिए। पहला गाय, कौवा, कुत्ता, बिल्ली और किसी गरीब व जरूरतमंद को भोजन अवश्य कराएं। साथ ही चीटियों को आटा भी डालें। ऐसा करने से पितर प्रसन्न रहते हैं और पारिवारिक सदस्यों की उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते हैं। साथ ही नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।
नोट : यह तमाम जानकारी जनरुचि को ध्यान में रखकर दी जा रही है, ज्योतिष और धर्म के उपाय और सलाहों को अपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं। कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।