केन्द्र सरकार देश में बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय लघु जल विद्युत पॉलिसी लेकर आने वाली है। पॉलिसी के फ्रेम वर्क को लेकर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शिमला में 10 राज्यों के हितधारकों के लगभग लोगों ने साथ चर्चा की गई और सुझाव लिए गए। सभी राज्यों के उत्पादकों से चर्चा के बाद पॉलिसी को अंतिम रूप दिया।नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के सचिव भूपेन्द्र एस भल्ला ने बताया कि केंद्र सरकार लघु जल विद्युत राष्ट्रीय पॉलिसी बनाने जा रही है जिसको लेकर उत्पादकों और राज्य सरकारों के सुझाव लिए गए हैं। लघु जल विद्युत प्रोजेक्ट के लिए उत्पादकों की सब्सिडी को लेकर नई पॉलिसी बनाई जा रही है। हिमाचल में प्रॉजेक्ट में रॉयल्टी ज्यादा हैं उसको लेकर भी उत्पादकों का कहना है कि इससे प्रोजेक्ट की व्यावहारिकता पर असर पड़ता है।
इस मौक़े पर लघु जल विद्युत उत्पादक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय लघु जल विद्युत पॉलिसी को लेकर मंत्रालय के साथ हितधारकों ने अपनी समस्याएं बताई है और प्रॉजेक्ट की क्लीयरेंस की सबसे बड़ी समस्या है।2014 से लेकर प्रॉजेक्ट की क्लीयरेंस नही हों रही है। इसके अलावा राज्य सरकार के साथ रॉयल्टी भी ज्यादा हैं जिसको लेकर चर्चा हुई है। साथ ही 2018 से लघु जल विद्युत प्रॉजेक्ट लगाने के लिए सब्सिडी बंद है जिसे बहाल करने की बात कही गई है।