जब भी हम कोई सामान, खास कर इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते हैं तो चाहते हैं कि ये लंबे समय तक चले. लेकिन कई बार ये सामान कुछ ही समय में खराबी दिखाने लगते हैं. यही वजह है कि लोग कोई भी महंगा सामान उसकी गारंटी/वारंटी (Difference between Guarantee and Warranty) देख कर ही लेते हैं. आप भी मोबाइल, टीवी लैपटॉप जैसे सामान लेते समय गारंटी/वारंटी का ध्यान जरूर रखते होंगे.
क्या Guarantee और Warranty एक समान हैं?
Difference Between Guarantee and Warranty| Image Credit: Twitter
ऐसे में क्या आप जानते हैं कि Guarantee और Warranty में क्या अंतर होता है? सामान खरीदते समय क्या आपने कभी दुकानदार से इनका मतलब पूछा है? लोग इन दोनों शब्दों को बड़ी ही आसानी से एक दूसरे की जगह इस्तेमाल कर देते हैं लेकिन ये गलत है क्योंकि दोनों शब्दों में जमीन-आसमान का फर्क होता है. कम ही लोग इन दोनों के बीच का फर्क जानते होंगे. अगर आपको भी इसके बीच का फर्क नहीं पता तो चलिए आज हम आपको जवाब देते हैं.
Guarantee और Warranty के बीच क्या अंतर है?
Difference Between Guarantee and Warranty| Image Credit: Shiksha
जब भी किसी सामान की हमें गारंटी मिलती है और वो सामान उस गारंटी पीरियड यानी गारंटी रहते हुए खराब हो जाता है तो हम उस सामान की जगह नया सामान ले सकते हैं. मगर वारंटी में ऐसा नहीं होता. आपको वारंटी में आपका सामान बदल कर नहीं बल्कि ठीक कर के वापस किया जाता है. तो जान लीजिए कि गैरेंटी और वॉरेंटी दो अलग अलग शब्द हैं जो अक्सर एक ही अर्थ में उपयोग किए जाते हैं, लेकिन वास्तव में उनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं.
गैरेंटी एक वादा है जो एक विक्रेता या निर्माता किसी खरीदार को देता है कि बेचा गया सामान एक निश्चित समय तक निश्चित मानकों या प्रदर्शन को पूरा करेगा. वहीं वॉरेंटी एक कानूनी वादा है जो एक विक्रेता या निर्माता किसी खरीदार को देता है कि उत्पाद एक निश्चित अवधि के लिए निश्चित मानकों या प्रदर्शन को पूरा करेगा.
लीगल सर्विसेज इंडिया वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार गारंटी का अर्थ है एक वादा, जो विक्रेता, ग्राहक से करता है कि कोई चीज तय मानकों के अनुरूप काम करेगी. अगर वो नहीं करती, तो उस सामान को बदलने का भरोसा दिलाया जाता है. लेकिन वारंटी में सामान को बदला नहीं जाता बल्कि उसे रिपेयर किया जाता है. गारंटी आमतौर पर मौखिक होती है, लिखित नहीं. दूसरी ओर वारंटी लिखित होती है. अगर सामान को लेकर कानूनी पेचीदगी पैदा हो जाए, तब इन दो शब्दों का बहुत काम होता है