उड़ान में अनियमितता की कई घटनाओं के बीच सुरक्षा उल्लंघन के लिए एयर इंडिया पर ₹1.10 करोड़ का भारी जुर्माना लगाया गया है. डीजीसीए ने कहा कि सुरक्षा उल्लंघन कुछ लंबी दूरी के महत्वपूर्ण मार्गों पर हुए हैं. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की ओर से इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई है. यह नहीं बताया गया है कि यह जुर्माना किसी एक विशिष्ट घटना को लेकर लगाया गया है या एक से अधिक घटनाओं से संदर्भ में.
पीटीआई की खबर के मुताबिक, बुधवार को जारी बयान के अनुसार, नियामक ने एक एयरलाइन कर्मचारी से स्वैच्छिक सुरक्षा रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद विस्तृत जांच की. इसमें कुछ लंबी दूरी के महत्वपूर्ण मार्गों पर एयर इंडिया द्वारा संचालित उड़ानों में सुरक्षा उल्लंघन का आरोप लगाया गया था. डीजीसीए ने कहा कि चूंकि जांच में प्रथम दृष्टया एयरलाइन द्वारा गैर-अनुपालन का पता चला. इसके बाद एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. सुरक्षा रिपोर्ट एयर इंडिया की ओर से संचालित पट्टे पर दिए गए विमानों से संबंधित है.
डीजीसीए ने बयान में कहा कि चूंकि पट्टे पर दिए गए विमानों का परिचालन नियामक/ओईएम प्रदर्शन सीमाओं के अनुरूप नहीं था, इसलिए डीजीसीए ने प्रवर्तन कार्रवाई करते हुए एयर इंडिया पर 1.10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
बता दें कि हाल ही में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए की ओर से हाल ही में, इंडिगो पर ₹1.20 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था क्योंकि उसकी एक उड़ान के यात्री विमान पार्किंग के पास आकर खाना खाने लगे थे. नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह अस्वीकार्य है.
बता दें कि हाल के दिनों में कोहरे के कारण कुछ हवाईअड्डों पर अफरा-तफरी मच गई, जिससे कई उड़ानें या तो विलंबित हुईं या रद्द कर दी गईं. अराजकता पर टिप्पणी करते हुए, सिंधिया ने पहले कहा था कि प्रकृति की अनियमितताएं हैं जिन पर दुर्भाग्य से हमारा नियंत्रण नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रकृति की ये अनियमितताएं दुनिया भर में होती हैं.
मंत्री ने कहा था कि हम सभी जानते हैं कि दिल्ली में कुछ घना कोहरा होता है और यह समय काफी लंबे समय तक चलता है. उन्होंने कहा था कि जैसा कि आप सभी जानते हैं, किसी भी नागरिक उड्डयन पारिस्थितिकी तंत्र में कुछ बेस स्टेशन होते हैं. जब मौसम या किसी अन्य घटना के कारण बेस स्टेशन प्रभावित होता है, तो यह पूरे सिस्टम में दुर्भाग्यपूर्ण देरी और रद्दीकरण का एक चक्र पैदा करता है.