राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली एम्स के एकेडमिक ब्लॉक के दूसरे मंजिल पर आग लग गई। घटना की सूचना फायर विभाग को दी गई। फायर की गाड़ियां मौके पर भी पहुंच गईं, लेकिन एम्स का दावा है कि संस्थान के फायर सेफ्टी उपकरणों की मदद से ही आग पर काबू पा लिया गया।

बड़े नुकसान की सूचना नहीं

आग रिप्रोडक्टिव बायोलाजी की लैब में एक फ्रिज में शार्ट सर्किट होने के कारण लगी थी। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। अभी तक किसी बड़े नुकसान की सूचना भी नहीं है।

कुछ फर्नीचर व कुछ अन्य सामान जलने की सूचना है। एम्स के अनुसार यह घटना आज बृहस्पतिवार सुबह साढ़े पांच से छह बजे के बीच है। इस पर जल्दी ही काबू पा लिया गया, लेकिन एम्स में अक्सर आग लगने की घटनाएं होती हैं, जो संस्थान के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

पिछले साल ओपीडी ब्लॉक में लगी थी आग

पिछले वर्ष भी पुराने ओपीडी ब्लॉक के दूसरी मंजिल पर आग लगने की घटना हुई थी, जिसके कारण इमरजेंसी सेवाएं करीब 24 घंटे प्रभावित रही थीं। इसके अलावा कुछ वर्ष पहले एम्स के एकेडमिक ब्लाक पर भी भयंकर आग लगने से माइक्रोबायोलाजी की लैब जल गई थी। जिससे जांच सेवाएं लंबे समय तक प्रभावित रही थीं।

इससे पहले एम्स के ट्रामा सेंटर में आग लगने से ऑपरेशन थियेटर जल गए थे। इस वजह से ट्रामा सेंटर में कई महीने तक हादसा पीड़ितों की सर्जरी बंद थी। कोरोना के दौर में कंवर्जन ब्लाक में स्थिति माइक्रोबायोलाजी की नई लैब में आग लग गई थी। आग लगने की घटनाएं अक्सर लैब या स्टोर रूम में होती हैं।

शार्ट सर्किट की आशंका

इसका कारण यह है कि लैब में कई डीप फ्रीजर के इस्तेमाल से लोड बढ़ने पर शार्ट सर्किट की आशंका रहती है। एम्स प्रशासन का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बिजली उपकरणों की आडिट की जाती है। साथ ही फायर सेफ्टी उपकरण भी तैयार रखे जाते हैं।