एक मार्मिक क्षण तब देखने को मिला जब कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी और मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में परवाणु नगर परिषद के अध्यक्ष मोनिशा शर्मा , उपाध्यक्ष लखविंद्र सिंह , ठाकुर दास शर्मा व अन्य पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल आज मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से शिमला में मुलाकात करने पहुंचा। इस मुलाकात में उन्होंने परवाणु की वर्षों पुरानी और गहरी सामाजिक समस्याओं को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा — खासकर झुग्गी-झोंपड़ियों और रेहड़ी-फड़ी चलाने वाले मेहनतकश लोगों की पीड़ा को उनके समक्ष रखा गया ।हाल ही में परवाणु में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के चलते जिन परिवारों की झुग्गियां और रोज़ी-रोटी का साधन उजड़ गया, उनकी बेबसी और असहायता ने नगर परिषद के जनप्रतिनिधियों को झकझोर कर रख दिया। इन परिवारों ने परवाणु को अपना घर माना है, अपने खून-पसीने से इस शहर की नींव को मज़बूती दी है — और अब जब उनका बसेरा छिन गया है, तो उनके जीवन में एक सूनापन और संघर्ष की नई लकीर खिंच गई है।परवाणु नगर परिषद ने मुख्यमंत्री से अपील की कि इन लोगों को उनके हाल पर न छोड़ा जाए, बल्कि सरकार इनके पुनर्वास के लिए ठोस और मानवीय कदम उठाए। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस मांग पर गंभीरता दिखाई और प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि जल्द ही इस समस्या का स्थायी समाधान खोजा जाएगा।परवाणु नगर परिषद के इस संवेदनशील प्रयास ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जनता की आवाज़ को उचित मंच पर पहुंचाना जनप्रतिनिधियों का सबसे बड़ा दायित्व होता है। परिषद ने सिर्फ एक प्रशासनिक भूमिका ही नहीं निभाई, बल्कि इंसानियत और सामाजिक न्याय की मिसाल पेश की।अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही कोई मानवीय योजना बनाकर इन बेसहारा परिवारों को फिर से सम्मान के साथ जीने का अधिकार देगी।