हिमाचल प्रदेश के छोटे से गाँव दत्तयार से निकलकर पूजा राणा ने अपनी मेहनत और जुनून से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया। उन्होंने वियतनाम की राजधानी हनोई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला बिज़नेस अवार्ड जीतकर न केवल अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि हासिल की, बल्कि हिमाचल और पूरे देश के लिए गर्व का पल भी बनाया।
एक छोटे से गाँव से अंतरराष्ट्रीय मंच तक का सफर
पूजा का सफर किसी प्रेरणादायक फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उन्होंने देहरादून में “ग्रूमिंग टेल्स” नाम से एक अनूठा पालतू पशु देखभाल केंद्र स्थापित किया, जो अब पूरे भारत में जाना जाता है। एक मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाली पूजा का यह सफर संघर्ष और समर्पण से भरा रहा है।
शिक्षा से लेकर जुनून तक की कहानी
पूजा राणा ने बी.कॉम ऑनर्स और एमबीए (बैंकिंग और वित्त) में दोहरी मास्टर डिग्री ली, साथ ही योग में भी मास्टर डिग्री हासिल की। लेकिन उनकी सच्ची प्रेरणा उनके पालतू जानवरों से मिला प्यार था, जिसने उन्हें इस क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया।
जानवरों के लिए प्यार बना करियर
पूजा राणा नौ पालतू जानवरों की देखभाल करती थीं और इसी दौरान उन्होंने महसूस किया कि पालतू पशु देखभाल क्षेत्र में कई खामियां हैं। उन्होंने अपने पालतू जानवर के साथ हुई एक दुखद घटना के बाद फैसला किया कि वे इस क्षेत्र में बदलाव लाएंगी। उनका केंद्र ग्रूमिंग टेल्स, आज पालतू पशुओं की देखभाल और संवारने का सबसे प्रतिष्ठित केंद्र बन चुका है।
व्यवसाय नहीं, सेवा है पूजा का मिशन
पूजा का लक्ष्य सिर्फ एक सफल बिजनेस वुमन बनना नहीं था, बल्कि उन्होंने इसे एक मिशन के रूप में अपनाया। वे पालतू पशुओं के प्रजनन के खिलाफ हैं और जानवरों के शोषण और अनैतिक व्यापार पर कड़ा रुख रखती हैं। उनका संदेश साफ है—जानवरों से प्रेम करें, उनकी देखभाल करें और उन्हें भी जीने का हक दें।
पुरस्कार और उपलब्धियां
पूजा की मेहनत और लगन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। उन्हें दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया:
1. वियतनाम में ‘प्रथम श्रेणी’ बिजनेस अवार्ड – पालतू पशु देखभाल उद्योग में उत्कृष्टता के लिए।
2. उत्तराखंड में ‘सफलतापूर्वक बढ़ता हुआ उद्यमी’ पुरस्कार – अपने स्टार्टअप को सफलतापूर्वक विकसित करने के लिए।
परिवार और समाज का योगदान
पूजा इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, ग्राहकों और शुभचिंतकों को देती हैं। उनका कहना है—
“यह उपलब्धि उन सभी को समर्पित है जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया और हमेशा मेरा समर्थन किया।”
भविष्य की योजनाएं और संदेश
पूजा का सपना अब अपने ग्रूमिंग सेंटर को और आगे ले जाना और पशु कल्याण के लिए काम करना है। उनकी कहानी उन हर युवा के लिए प्रेरणा है, जो अपने जुनून को करियर में बदलना चाहते हैं।
उनका संदेश स्पष्ट है—
“जानवर सिर्फ हमारे साथी नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा हैं। उनसे प्रेम करें, उनकी देखभाल करें और उनकी आवाज़ बनें।”
पूजा राणा की यह उपलब्धि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखता है और उन्हें साकार करने का जज़्बा भी।